उत्तराखंड में लापरवाह सरकारी कर्मचारियों पर सख्त एक्शन लिया जा रहा है। इस बार चमोली जिले में पेयजल योजना निर्माण कार्य में अनियमितता के मामले में प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कार्यदायी संस्था के कनिष्ठ अभियंता पर कार्रवाई करते हुए 1.20 लाख रुपए की वसूली का आदेश जारी किया है। यह मामला गैरसैंण विकासखंड के चोरड़ा गांव में विधायक निधि से स्वीकृत पेयजल योजना से जुड़ा है।
किसी शिकायतकर्ता ने डीएम को बताया था कि विधायक निधि से चोरड़ा गांव में पेयजल लाइन के लिए 1.50 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे, लेकिन कार्यदायी संस्था ने बिना कोई काम किए ही 1.20 लाख रुपए का भुगतान कर दिया। शिकायत के बाद, डीएम तिवारी ने मामले की जांच के लिए नायब तहसीलदार और विकास प्राधिकरण गैरसैंण के अवर अभियंता को संयुक्त निरीक्षण का निर्देश दिया।
जांच में पाया गया कि पेयजल लाइन का काम पूरी तरह से अधूरा था। मुख्य स्रोत से पाइपलाइन को गलत तरीके से जोड़ा गया था और पुराने पाइप का इस्तेमाल किया गया था। कार्य स्थल पर कोई भी निर्माण कार्य प्रगति पर नहीं था। इन सब तथ्यात्मक नतीजों के आधार पर डीएम ने संबंधित कनिष्ठ अभियंता से 1.20 लाख रुपए की वसूली का आदेश दिया है, ताकि दोषी को जिम्मेदार ठहराया जा सके और सरकारी धन की सही उपयोगिता सुनिश्चित हो।