उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपने अंतिम चरण में है। इसके तहत धामों के कपाट बंद होने की तिथि तय होने लगी हैं। इस क्रम में गंगोत्री धाम के कपाट 22 अक्टूबर को अन्नकूट पर्व पर अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 36 मिनट पर विधिविधान के साथ बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद मां गंगा की विग्रह डोली शीतकालीन प्रवास के लिए मुखबा गांव भेजी जाएगी। वहीं, यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादूज के दिन, यानी 23 अक्टूबर को बंद किए जाएंगे। दोनों धामों के कपाट बंद करने का मुहूर्त 2 अक्टूबर, विजयदशमी के दिन पंचांग के अनुसार तय किया जाएगा।
गंगोत्री धाम मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि नवरात्र के शुभ अवसर पर कपाट बंद करने की तिथि और मुहूर्त पंचांग के अनुसार निर्धारित की गई है। गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की भोगमूर्ति डोली में रखकर आर्मी बैंड और स्थानीय वाद्य यंत्रों के साथ मुखबा गांव के लिए रवाना की जाएगी।
22 अक्टूबर की रात गंगा की डोली मुखबा गांव से लगभग दो किलोमीटर दूर स्थित मार्कडेंय मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी। इसके बाद 23 अक्टूबर को दोपहर में डोली मुखबा गांव पहुंचकर गंगा मंदिर में विधिविधान से भोगमूर्ति को शीतकालीन प्रवास के लिए स्थापित किया जाएगा, जो छह महीने तक रहेगा।
यमुनोत्री धाम मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि यमुनोत्री धाम के कपाट भी 23 अक्टूबर को भैयादूज के दिन बंद किए जाएंगे। इसका मुहूर्त भी 2 अक्टूबर, विजयदशमी के दिन पंचांग के अनुसार निकाला जाएगा।
इस प्रकार, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा का शीतकालीन चरण शुरू हो जाएगा।