उत्तराखंड में हाल की आपदा ने गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है। अब तक डेढ़ हजार से अधिक मकानों को नुकसान पहुँच चुका है, जिसमें 85 मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य में 100 से अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच), बार्डर रोड और ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हैं।
राज्य आपदा परिचालन केंद्र के अनुसार, 15 जून के बाद से कुल 1,531 मकानों को नुकसान हुआ है। इनमें 1,209 मकानों को आंशिक नुकसान और 237 मकानों को बहुत अधिक क्षति पहुँची है। टिहरी जिले में सबसे अधिक 66 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हुए हैं।
आपदा में अब तक 62 लोगों की मृत्यु हो चुकी है और 30 लोग घायल हुए हैं। राज्य में कुल 114 मार्ग बंद हैं, जिनमें सबसे अधिक ग्रामीण मोटर मार्ग प्रभावित हैं—98 मार्ग बंद हैं।
केदारनाथ में 31 जुलाई को आई आपदा के दौरान यूपी, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के 23 यात्री लापता हुए थे, जिनमें से 20 लोग अभी भी लापता हैं। सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने कहा कि लापता लोगों की खोजबीन लगातार जारी है।
इस स्थिति के मद्देनजर, राहत और बचाव कार्यों को तेज किया जा रहा है और प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।