उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की तैयारियां तेजी से चल रही हैं, और ओबीसी आरक्षण की नीति को लेकर महत्वपूर्ण बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की सिफारिशों के तहत निकायों में ओबीसी आरक्षण लागू करने की योजना है। इस बाबत, राज्य सरकार ने आवश्यक अध्यादेश जारी किया है, जिसे अब राजभवन से मंजूरी का इंतजार है।
राज्य के 11 नगर निगम, 45 नगर पालिका परिषद और 46 नगर पंचायतों के चुनाव की तिथि के पहले ओबीसी आरक्षण का सबसे अहम कदम पूरा करना होगा। अध्यादेश की मंजूरी मिलते ही ओबीसी आरक्षण में बदलाव का रास्ता साफ हो जाएगा, और इसके बाद सरकार ओबीसी आरक्षण नीति को लागू करेगी।
नयी नीति के तहत, नगर निकायों में सभासद और सदस्य का ओबीसी आरक्षण रोस्टर के आधार पर जिलाधिकारियों के स्तर पर तय किया जाएगा। वहीं, मेयर, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत अध्यक्ष का ओबीसी आरक्षण रोस्टर शहरी विकास निदेशालय के स्तर से निर्धारित किया जाएगा।
इसके बाद, रोस्टर की अनंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी, जिसमें आपत्तियों और सुझावों को आमंत्रित किया जाएगा। इन आपत्तियों का समाधान होने के बाद अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया के बाद शहरी विकास विभाग राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव की सिफारिश करेगा, और फिर निर्वाचन आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा।
इस प्रक्रिया में लगभग 15 से 20 दिन का समय लग सकता है। यदि इस सप्ताह अध्यादेश को मंजूरी मिलती है, तो 15 दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक अधिसूचना जारी होने की संभावना जताई जा रही है।