उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में गुलदार, भालू और अन्य जंगली जानवरों की बढ़ती सक्रियता ने स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है। अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने में असुरक्षा महसूस कर रहे थे, वहीं बच्चों में भी स्कूल जाने का डर पैदा हो गया है। इस गंभीर परिस्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी प्रतीक जैन के निर्देश पर अब बच्चों के लिए निःशुल्क वाहन सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि उन मार्गों और क्षेत्रों की पहचान की जाए, जहाँ छात्र-छात्राएं जंगल और झाड़ीदार क्षेत्रों से होकर स्कूल जाते हैं। स्थिति सामान्य होने तक संवेदनशील मार्गों पर बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वाहन सुविधा सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए।
मुख्य शिक्षा अधिकारी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त प्रस्तावों पर कार्यवाही की। इसके तहत चन्द्रनगर क्षेत्र के बाड़व और कांदी, गोर्ति और बुढना इंटर कॉलेज, पालाकुराली क्षेत्र के विद्यार्थी, तथा रा.इ.का. चोपड़ा क्षेत्र के आठ गांवों के लगभग 200 छात्रों के लिए कुल 13 वाहनों की व्यवस्था की गई। यह सेवा सोमवार से विद्यालय स्तर पर प्रधानाचार्यों और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से शुरू कर दी गई है। वाहन सुविधा के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक धनराशि जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई है।
गौरतलब है कि पर्वतीय जिलों में जंगली जानवरों के हमलों की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। हाल ही में गजल्ड गांव में गुलदार के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि अधिकारियों के दौरे के दौरान ही गुलदार ने एक मवेशी पर हमला कर उसे मार डाला। इस घटना ने स्थानीय लोगों के आक्रोश को और भड़का दिया।
गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे और प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने हालात का जायजा लेने के लिए मौके का दौरा किया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर ढांढस बंधाया। जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रशासनिक एवं सुरक्षा उपायों को कड़ाई से लागू करने का निर्देश दिया।


