नैनीताल। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा, जल शक्ति मंत्रालय और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ अर्बन अफेयर्स, भारत सरकार के सहयोग से उत्तराखंड के पांच प्रमुख शहरों – गंगोत्री-यमुनोत्री, ऋषिकेश, हरिद्वार, हल्द्वानी-काठगोदाम और रामनगर में शहरी नदी प्रबंधन योजना विकसित करने की दिशा में अहम कदम उठाए जा रहे हैं।
इसी सिलसिले में बुधवार को, अपर जिलाधिकारी फिंचा राम चौहान की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट नैनीताल सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में नमामि गंगा के तहत हल्द्वानी-रामनगर क्षेत्र में शहरी नदी प्रबंधन योजना के विकास पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में पर्यावरण, सामाजिक योगदान, और आर्थिक प्रबंधन पहलुओं पर विचार विमर्श हुआ।
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स के विक्टर शिंदे ने कहा कि नमामि गंगा का उद्देश्य नदियों के किनारे बसे शहरों का समग्र विकास करना है, ताकि नदियों की सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण और पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों से आपसी तालमेल और समन्वय के साथ काम करने की अपील की, ताकि यह प्रोजेक्ट निर्धारित समय में प्रभावी ढंग से पूरा हो सके। इसके साथ ही उन्होंने संबंधित विभागों से नदी किनारे विकास योजना तैयार करने का निर्देश भी दिया।
अपर जिलाधिकारी फिंचा राम चौहान ने इस परियोजना के तहत सभी संबंधित विभागों को आंकड़े जुटाकर एजेंसी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने टीम गठन की बात भी की, ताकि इस परियोजना को गति दी जा सके।
बैठक में नगर आयुक्त हल्द्वानी ऋचा सिंह, सहायक नगर आयुक्त डॉ. मनोज काण्डपाल, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग दिनेश सिंह, अधिशासी अभियंता उत्तराखंड पेयजल निगम हल्द्वानी ए.के. कटारिया, परियोजना प्रबंधक यूयूएसडीए कुलदीप सिंह, परियोजना प्रबंधक नैनीताल नीरज उपाध्याय, उप संभागीय वन अधिकारी गणेश दत्त जोशी, विक्टर शिंदे और इश्लीन कौर सहित अन्य विभागीय अधिकारी और विशेषज्ञ उपस्थित थे।