अगर आप Paytm, PhonePe या Google Pay जैसे लोकप्रिय UPI ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं और हाल ही में आपके लेन-देन बार-बार फेल हो रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। डिजिटल पेमेंट फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने एक नया सिस्टम लागू किया है, जिसके तहत कुछ मोबाइल नंबरों को “रिस्की” घोषित कर उन पर UPI ट्रांजैक्शन को ब्लॉक या सीमित किया जा रहा है।
क्यों लिया गया ये फैसला?
सरकार और NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) को कई मोबाइल नंबरों से साइबर फ्रॉड की शिकायतें मिली थीं। साथ ही कुछ नंबरों का व्यवहार संदिग्ध पाया गया, जैसे – बार-बार फोन या SIM बदलना, फर्जी KYC देना, या नकली QR कोड के जरिए धोखाधड़ी करना। ऐसे मामलों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है ताकि ट्रांजैक्शन होने से पहले ही फ्रॉड को रोका जा सके।
क्या है ये नया सिस्टम?
इस नए सिस्टम के तहत, मोबाइल नंबरों को उनके फ्रॉड रिस्क के आधार पर तीन श्रेणियों – **Medium**, **High**, और **Very High** – में वर्गीकृत किया जाएगा। जिन नंबरों को “Very High Risk” श्रेणी में रखा जाएगा, उन पर UPI ट्रांजैक्शन या तो ब्लॉक कर दिए जाएंगे या उन्हें सीमित कर दिया जाएगा।
किस तरह के नंबर होंगे प्रभावित?
निम्नलिखित मामलों वाले नंबर इस सिस्टम के निशाने पर हो सकते हैं:
* साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज होना
* बार-बार डिवाइस या SIM बदलना
* गलत KYC डिटेल्स देना
* बार-बार OTP या UPI PIN फेल होना
* संदिग्ध या फर्जी QR कोड से जुड़े ट्रांजैक्शन
किन ऐप्स और बैंकों पर होगा असर?
Paytm, PhonePe, Google Pay जैसे लगभग सभी प्रमुख UPI ऐप्स और बैंक इस सिस्टम का हिस्सा हैं। चूंकि इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए भारत में 90% से ज्यादा UPI ट्रांजैक्शन होते हैं, इसलिए इस कदम का व्यापक असर देखने को मिल सकता है।
कैसे पता करें कि आपका नंबर ब्लॉक हुआ है या नहीं?
फिलहाल सरकार या NPCI ने किसी सार्वजनिक लिस्ट को जारी नहीं किया है। लेकिन अगर आपको निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें, तो सतर्क हो जाइए:
* बार-बार ट्रांजैक्शन फेल होना
* “Transaction under review” या “Could not process” जैसे संदेश आना
* QR कोड स्कैन करने पर भी भुगतान न हो पाना
ऐसे में तुरंत अपने बैंक या संबंधित UPI ऐप की कस्टमर सपोर्ट से संपर्क करें।
अगर नंबर ब्लॉक हो गया हो तो क्या करें?
* ऐप से लॉगआउट कर फिर से लॉगिन करें
* KYC और बैंक डिटेल्स को अपडेट करें
* SIM को उसी डिवाइस में रखें जिसमें ऐप इंस्टॉल है
* समस्या बनी रहे तो अपने बैंक के नोडल अधिकारी या NPCI से शिकायत दर्ज कराएं