मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार देवभूमि में किसी भी प्रकार की हिंसा या अनियंत्रित व्यवहार की अनुमति नहीं देगी। उन्होंने कहा कि वनभूलपुरा हिंसा में संपत्तियों को हुए नुकसान के लिए जिम्मेदार दंगाइयों से हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस आरोपियों से सख्ती से निपटेगी, चाहे वे कोई भी हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है। यहाँ लोग हमेशा सुख और शांति से रहते हैं। इस देवभूमि की आबोहवा खराब नहीं होने दी जायेगी। जो भी देवभूमि की छवि खराब करने की कोशिश करेगा, उससे सख्ती से निपटा जाएगा। पूरे प्रदेश में सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की लगातार कार्रवाई चल रही है और यह इसी तरह जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकारी काम में बाधा डालने वाले किसी भी व्यक्ति से सख्ती से निपटा जाएगा।
धामी ने शनिवार को अल्मोडा जिले में एक रोड शो और महिला सशक्तिकरण समारोह में भाग लेते हुए यह बात कही। धामी ने कुल 202.13 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। मुख्यमंत्री ने शक्ति स्वरूपा 10 कन्याओं का पूजन किया और आशीर्वाद प्राप्त कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की।
उन्होंने 21 स्थानीय महिला उद्यमियों से बातचीत भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए समर्पित सरकार है। पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सरकार लगातार महिलाओं के कल्याण के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रही है। उत्तराखंड में यूसीसी (समान नागरिक संहिता) पारित कराकर जनता से किया वादा भी पूरा किया है।
समान नागरिक संहिता देश और महिलाओं के विकास में मील का पत्थर। यूसीसी किसी जाति या धार्मिक समुदाय के लिए नहीं बल्कि पूरे राज्य के हितों के लिए है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र पर आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को चेक वितरित किये और उनका उत्साहवर्धन किया।
उन्होंने कहा कि यह पैसा महिलाओं की अर्थव्यवस्था में सुधार लाएगा और रोजगार सृजन में भी सहायक होगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं को 111 करोड़ रुपये के ऋण चेक भी वितरित किये।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘मातृ शक्ति आजीविका महोत्सव’ के तहत विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये स्टॉलों का भी निरीक्षण किया. मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों द्वारा निर्मित ताम्र शिल्प उत्पादों, हथकरघा उत्पादों के साथ-साथ स्कूली छात्रों द्वारा बनाई गई विभिन्न परियोजनाओं का निरीक्षण किया।