रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग सोनप्रयाग शटल पार्किंग के ऊपर से चट्टान गिरने की सूचना मिली। कोई भी जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। पहले से ही सभी यात्रियों को सतर्क कर दिया गया था। यात्रियों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए यात्रा कुछ समय के लिए बाधित है। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर हुए भारी भूस्खलन से यहां लोगों में दहशत है।
वहीं गंगोत्री धाम पर भागीरथी नदी का जल स्तर बढ़ गया। नदी के तेज बहाव में शिवानन्द कुटीर आश्रम का गेट बह गया। इसके साथ ही सुरक्षा दीवार भी टूटने से आश्रम में पानी घुस गया। साधु संत और मजदूर आश्रम की यहां जान पर बन पाई।
आश्रम में पानी भरने की सूचना मिलते ही पुलिस व एसडीआरएफ जवानों द्वारा आश्रम के पीछे पहाड़ी से आश्रम में घुस कर दस साधु संतों व मजदूरो को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान गंगोत्री मन्दिर प्रांगण में पहुंचाया गया।
यमुनोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव जानकीचट्टी में यमुना नदी तटीय क्षेत्र में कटाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। आधा दर्जन पक्के होटल सहित डेढ़ दर्जन ढाबे, कच्चे खोके खतरे की जद में आ गए हैं। यमुना नदी से सड़क का और कटाव होने से जानकीचट्टी में यमुनोत्री की ओर दो दर्जन से अधिक छोटे बड़े वाहन फंसे हैं।