उत्तराखंड हाईकोर्ट ने डिप्टी फॉरेस्ट रेंजर को वन रेंज अधिकारी के पद पर पदोन्नति से रोके जाने संबंधी 14 जून 2024 के आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ में हुई।
याचिकाकर्ता की नियुक्ति वर्ष 1995 में वनकर्मी के रूप में हुई थी। वर्ष 2013 में उन्हें डिप्टी फॉरेस्ट रेंजर के पद पर पदोन्नत किया गया। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की सिफारिश पर उनकी वन रेंज अधिकारी के पद पर पदोन्नति का आदेश 10 जून 2024 को जारी किया गया, जिसके तहत उन्होंने 12 जून 2024 को पदभार ग्रहण कर लिया।
हालांकि, 14 जून 2024 को एक आदेश जारी कर उनकी पदोन्नति को मई 2024 में जारी लंबित चार्जशीट के आधार पर स्थगित कर दिया गया। याचिकाकर्ता ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी।
याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि चार्जशीट पदोन्नति प्रक्रिया पूरी होने के बाद दी गई थी, इसलिए इसके आधार पर पदोन्नति रोकना अनुचित है। उन पर आरोप है कि नर्सरी के प्रभारी रहते हुए उन्होंने नर्सरी की समुचित देखभाल नहीं की।
हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों को चार सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाबी हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 16 फरवरी 2026 को निर्धारित की गई है।


