नैनीताल जनपद में आपदा के समय प्रशासनिक तत्परता और समन्वय का बेहतरीन उदाहरण सामने आया है। बीती 7 अगस्त की रात, रानीकोटा–फतेहपुर–छड़ा मार्ग पर भारी भूस्खलन के कारण तीन युवक जंगल में फंस गए। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आया और देर रात तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में युवकों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
जानकारी के अनुसार, हिमांशु बुदलाकोटी और उनके दो साथी रानीकोटा-छड़ा मार्ग पर आड़ियां छड़ा के बीच जंगल में जा रहे थे कि इसी दौरान अचानक भारी मलबा गिरने से रास्ता बंद हो गया और वे तीनों फंस गए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी नैनीताल ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
इसके बाद एसडीएम नैनीताल नवाजिश खलीक, एसडीएम कालाढूंगी परितोष वर्मा और जिला आपदा प्रबंध अधिकारी कमल मेहरा ने एक संयुक्त राहत अभियान की शुरुआत की। राहत योजना के तहत नैनीताल और कोटाबाग की ओर से दो टीमें रवाना की गईं। मलबा हटाने और वैकल्पिक रास्ते से युवकों को बाहर निकालने के प्रयास तुरंत शुरू किए गए।
अंधेरे और बारिश के बावजूद, जिला आपदा कंट्रोल रूम से निरंतर संपर्क और समन्वय बनाए रखा गया। टीमों ने साहस और सूझबूझ का परिचय देते हुए देर रात तक चले अभियान में तीनों युवकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया।