देहरादून। बनभूलपुरा दंगे के मास्टर माइंड अब्दुल मलिक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। वह अब तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है। अब अब्दुल मलिक के खिलाफ नान वेलेबल वारंट जारी हो गया है। इससे पुलिस को मलिक के घर की तलाशी लेने और अन्य जरूरी कदम उठाने के अधिकार मिल गए हैं।
बता दें कि, जमीन पर अब्दुल मलिक ने अवैध तरीके से मदरसा व नमाज स्थल बना दिया। इसकी भनक लगने पर नगर निगम ने मदरसा और नमाज स्थल को ध्वस्त करने की तैयारी शुरू की। जिसके बाद आठ फरवरी को पुलिस, नगर निगम व प्रशासन की संयुक्त टीम अतक्रिमण ध्वस्त करने पहुंची। इसकी जमकर विरोध हुआ। महिलाओं ने तक चारों ओर से पथराव किया। लोगों ने थाना घेरा। साथ ही बाहर खड़े वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
पुलिस ने सीसीटीवी और उपद्रवियों के पास से मिले मोबाइल वीडियो की मदद से 25 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से सात तमंचे, 54 कारतूस बरामद किए। इन्हीं में से 12 उपद्रवियों से बनभूलपुरा थाने से लूटे गए 99 कारतूस भी बरामद किए हैं। पुलिस ने इनके खिलाफ दंगा करने, डकैती करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, जान से मारने सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस बीच बीते दिनों मास्टर माइंड अब्दुल मलिक के पकड़े जाने की खबर उत्तराखंड से दिल्ली तक चर्चा में रही। लेकिन वह अभी भी फरार है।
इधर अब बुधवार को अब्दुल मलिक के खिलाफ नान वेलेबल वारंट जारी हो गया है। इससे पुलिस को मलिक के घर की तलाशी लेने और अन्य जरूरी कदम उठाने के अधिकार मिल गए हैं। साथ ही पुलिस ने उसकी संपत्ति कुर्क करने के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दे सकती है। अब्दुल मलिक खुद को बगीचे का मालिक मानता है। यह जमीन उसके दादा को तत्कालीन सरकार ने 1937 में लीज पर दी थी। अब इस जमीन की देखरेख मलिक करता है।