कांग्रेस को मजबूत करने की कवायद एक बार फिर तेज हो गई है। जन अधिकार पार्टी (जाप) के कांग्रेस में विलय के फैसले के साथ ही राज्य की राजनीति में नए समीकरण उभरने लगे हैं। बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह अहम फैसला लिया गया, जिसे सामाजिक न्याय और विपक्षी एकता के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पप्पू यादव ने कहा, “यह कदम कांग्रेस को न सिर्फ बिहार में मजबूती देगा, बल्कि सामाजिक न्याय की लड़ाई को भी नई दिशा मिलेगी। हमारा हर कार्यकर्ता अब कांग्रेस को मजबूत करने में जुटेगा।”
उन्होंने कांग्रेस से आगामी विधानसभा चुनाव में कम से कम 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की अपील करते हुए कहा कि राहुल गांधी आज गरीब, किसान और युवाओं की उम्मीद बनकर उभरे हैं। भारत जोड़ो यात्रा के ज़रिए उन्होंने जमीनी मुद्दों को समझा और उन्हें राष्ट्रीय पटल पर मजबूती से उठाया।
पप्पू यादव ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर अपनी मुखरता दोहराते हुए कहा कि इस पर सवाल उठाने पर उन्हें ‘अर्बन नक्सल’ कहा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं से उनकी जाति और धार्मिक पहचान को लेकर सवाल किए जाते हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति पर कभी चर्चा नहीं होती।
उन्होंने मीडिया की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए और कहा कि मीडिया को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की भूमिका निभानी चाहिए, न कि किसी एक विचारधारा का प्रतिनिधि बनना चाहिए।
जाप के कांग्रेस में विलय को 2025 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष को एकजुट करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।