आप को बड़ा झटका देते हुए पार्टी के आठ विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया है। ये सभी विधायक टिकट न मिलने से नाराज थे और उन्होंने पार्टी पर भ्रष्टाचार और भेदभाव के आरोप लगाए।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में केवल चार दिन शेष रहते हुए, राजधानी में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। शुक्रवार को आठ विधायकों ने आम आदमी पार्टी (आप) से इस्तीफा देने के बाद शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) का दामन थाम लिया।
इससे पहले, मदन लाल (कस्तूरबा नगर), भावना गौर (पालम), नरेश यादव (महरौली), रोहित महरौलिया (त्रिलोकपुरी), पवन शर्मा (आदर्श नगर), बीएस जून (बिजवासन), राजेश ऋषि (जनकपुरी) और गिरीश सोनी (मादीपुर) ने आप पार्टी से इस्तीफा दिया था। इन विधायकों का कहना था कि पार्टी ने उन्हें लंबे समय तक किए गए काम को नजरअंदाज किया और उन्हें टिकट से वंचित किया।
आम आदमी पार्टी ने इन इस्तीफों को भाजपा और कांग्रेस का दबाव बताया, जबकि इस्तीफा देने वाले विधायकों ने अपनी ईमानदारी और पार्टी से अनदेखी को कारण बताया।
इसी बीच, पार्टी के कुछ अन्य नेताओं ने इन इस्तीफा देने वाले विधायकों पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने भी इस बार टिकट नहीं मिलने के बावजूद पार्टी नहीं छोड़ी और उनका समर्पण पार्टी के प्रति सच्चा था।