उत्तराखंड में शादी का माहौल अचानक हंगामे में बदल गया। दूल्हे को दुल्हन के घर ले जाने की तैयारियां पूरी थीं, लेकिन रविवार को ऐसा हुआ कि बारात का ‘बैंड-बाजा’ नहीं, बल्कि सन्नाटा और पुलिस स्टेशन का दौरा बन गया।
मामला पिथौरागढ़ नगर के रई इलाके का है। तीन महीने पहले किनीगाड़ के एक मशहूर छलिया दल को 11 हजार रुपये एडवांस देकर बुक किया गया था। बारात पूरी तरह सज चुकी थी, दूल्हा तैयार था, लेकिन छलिया दल कहीं नजर नहीं आया।
घंटों इंतजार के बाद भी दल का कोई पता नहीं चला। बाराती ढोल-दमाऊ की आवाज सुनते रहे, लेकिन कोई नहीं आया। जब सब्र का बांध टूट गया, तो दूल्हे के पिता ने छलिया दल के लीडर को फोन किया। पहली कॉल पर कोई जवाब नहीं मिला, दूसरी कॉल पर भी फोन बंद मिला।
बारातियों का गुस्सा सातवें आसमान पर था और नाच-गाने के अरमान धरे के धरे रह गए। आनन-फानन में दूसरा, महंगा छलिया दल बुलाया गया और तभी जाकर बारात रवाना हो सकी।
पीड़ित परिवार इस धोखाधड़ी से नाराज होकर सीधे पुलिस स्टेशन गया। दूल्हे के पिता ने छलिया दल के खिलाफ धोखाधड़ी की तहरीर दी। कोतवाल ललित मोहन जोशी ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस जांच करेगी कि आखिर दल ने ऐन मौके पर ऐसा क्यों किया।
इस अनोखे और चौंकाने वाले मामले ने पूरे शहर में चर्चा बटोर दी। लोग कह रहे हैं, भाई, शादी में बैंड-बाजा तो सुना था, लेकिन थाने में धमाल पहली बार देखा!


