उत्तराखंड की राजनीति को हिला देने वाला वर्ष 2016 का बहुचर्चित स्टिंग प्रकरण एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को इस मामले में सीबीआई ने एक बार फिर नोटिस जारी किया है। इस नोटिस के तहत रावत को इसी माह सीबीआई मुख्यालय, नई दिल्ली में पेश होने को कहा गया है।
यह मामला उस समय चर्चा में आया था जब हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते एक स्टिंग वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में रावत पर आरोप लगाए गए कि वे अपनी सरकार बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश कर रहे थे। स्टिंग में कथित तौर पर रुपयों के लेन-देन की बातचीत भी सामने आई थी। इस वीडियो ने तत्कालीन राज्य सरकार की राजनीतिक स्थिति को अस्थिर कर दिया था और मामला राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चित हुआ।
इस प्रकरण की जांच की जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपी थी। सीबीआई पहले भी हरीश रावत को इस मामले में कई बार नोटिस जारी कर चुकी है और पूछताछ के लिए तलब कर चुकी है। अब एक बार फिर सीबीआई ने रावत को पूछताछ के लिए बुलाया है, जिससे यह मामला फिर से राजनीतिक बहस का विषय बन गया है।
सीबीआई का ताजा नोटिस मिलने के बाद हरीश रावत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, लंबे समय बाद सीबीआई के दोस्तों को मेरी याद आई है। नोटिस देखकर लग रहा है कि अब फिर विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। भाजपा के दोस्तों के हाथ में सीबीआई ने अपनी स्वतंत्रता और स्वायत्तता सौंप दी है। उन्होंने मुझे चुनाव के लायक समझा, इसके लिए धन्यवाद।”
रावत की इस टिप्पणी से साफ है कि वह इस जांच को राजनीतिक साजिश मान रहे हैं। वहीं, भाजपा की ओर से इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।