देहरादून। तहसील कालसी में तैनात एक पटवारी के पशु बीमा क्लेम की एवज में रिश्वत मांगने के मामले को लेकर सवाई के ग्रामीणों ने तहसील का घेराव किया। ग्रामीणों ने कहा कि रिश्वत मांगने वाले पटवारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उधर, एसडीएम ने बताया कि आरोपी पटवारी को जिला मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है।
तहसील क्षेत्र के समाल्टा क्षेत्र में तैनात पटवारी का रिश्वत लेते वीडियो सोशल मीडिया पर मंगलवार दोपहर को वायरल हुआ था। जानकारी मिलते ही राजस्व विभाग में खलबली मच गई। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने तहसील मुख्यालय का घेराव किया। सवाई निवासी युवराज सिंह चौहान ने बताया वह अपने मरे हुए बैल का बीमा क्लेम करने के लिए सोमवार को तहसील मुख्यालय आए थे।
आरोप है कि राजस्व कर्मचारी ने बीमा से संबंधित कागजात पर हस्ताक्षर करने की एवज में पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी। बिना रिश्वत लिए हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। आरोप है कि पटवारी ने रिश्वत की रकम लेने के बाद ही हस्ताक्षर किए। तहसील मुख्यालय पहुंचे ग्रामीणों ने कहा कि मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करने वालों का काम सरकारी दफ्तरों में बिना रिश्वत दिए होता ही नहीं है।
भले ही सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टोलरेंस की बात करती हो, लेकिन सरकारी कर्मचारी बिना रिश्वत के काम नहीं करते हैं। रिश्वत देने के लिए पैसे नहीं होने से ग्रामीणों के काम अटक जाते हैं। ग्रामीणों ने भ्रष्ट कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग उठाई।
उधर, एसडीएम योगेश मेहरा ने बताया कि जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए उन्हें जांच अधिकारी नामित किया है। जबकि राजस्व कर्मी को जिला मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।