मंदिरों में लगे लाउडस्पीकर को लेकर मध्य प्रदेश में आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन के बयान ने विवाद को जन्म दिया है। अधिकारी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि लाउडस्पीकर से ध्वनि प्रदूषण हो रहा है, जिससे धार्मिक समूहों ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब भोपाल में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक 13 वर्षीय लड़के की मौत हो गई। लड़का डीजे की धुन पर नाच रहा था, अचानक बेहोश हो गया और अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, जिससे लाउडस्पीकर के उपयोग पर बहस छिड़ गई।
सोशल मीडिया पर एक पत्रकार ने मस्जिदों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम के उपयोग और डीजे के प्रचलन पर सवाल उठाया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, शैलबाला मार्टिन ने कहा कि मंदिरों में लगे लाउडस्पीकर की वजह से ध्वनि प्रदूषण होता है, और उन्होंने पूछा कि यह अक्सर क्यों अनदेखा किया जाता है।
अधिकारी के बयान पर राइटविंग संगठन ‘संस्कृति बचाओ मंच’ के प्रमुख चंद्रशेखर तिवारी ने आपत्ति जताते हुए विरोध प्रदर्शन की घोषणा की। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने शैलबाला मार्टिन के सवाल को सही ठहराते हुए कहा कि यह भाजपा सरकार की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई पर सवाल उठाता है।