दो छात्राओं को गंभीर हालत में कराया गया अस्पताल भर्ती, शिक्षा विभाग यह बता रहा वजह
टनकपुर। राउमावि छीनीगोठ विद्यालय में अजीबो गरीब घटना सामने आई है। यहां पढ़ाई के दौरान तीन छात्राएं अचेत हो गई। दो छात्राओं को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। कक्षा दस में पढ़ने वाली तीनों छात्राएं एकाएक चीखने और चिल्लाने लगी। शिक्षा विभाग की मानें तो छात्राएं मास हिस्टीरिया के कारण ऐसा कर सकती हैं।
यह घटना मंगलवार की बताई जा रही है। टनकपुर के राउमावि छीनीगोठ विद्यालय में दसवीं की तीन तीन छात्राएं तीसरे पीरियड में पढ़ाई करने के दौरान अचानक चीखने चिल्लाने लगी। इससे पूरे विद्यालय में हडकंप मच गया। शिक्षकों ने तीनों छात्राओं के परिजनों को सूचित कर तुरंत स्कूल में बुलाया। इसके बाद तीन में से दो छात्राओं को तुरंत उपचार के लिए उपजिला अस्पताल भेजा गया। जबकि एक छात्रा के परिजन उसे अपने साथ घर ले गए।
दोनों छात्राओं की जांच करने वाले बाल रोग विशेषज्ञ डॉ़ स्वामी दयाल का कहना है कि यह एक तरह की दिमागी बिमारी है। इसे मास हिस्टीरिया कहा जा सकता है। छात्राओं को नियमित जांच के लिए कहा गया है, जिसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। प्रभारी सीएमएस डॉ़ वीके जोशी ने बताया कि मास हिस्टीरिया के पीछे कोई सोच, डर या खतरा जैसी चीजें होती हैं। हिस्टीरिया विशेष रूप से फीमेल डिसऑर्डर है, मतलब कि हिस्टीरिया की समस्या ज्यादातर महिलाओं और लड़कियों में देखी जाती है। बताया कि इसमें हेल्थ के आधार पर 24 से 48 घंटों तक बेहोशी और नींद की समस्या बनी रहती है। इसका उपचार संवेदनात्मक व्यवहार, पारिवारिक समायोजन, शामक औषधियों का सेवन, सांत्वना, बहलाने से किया जाता है। दवाइयों से भी उपचार संभव है।