रामजानकी मंदिर से चोरी हुई अष्टधातु की राधा और कृष्ण की मूर्तियां आखिरकार बरामद हो गई हैं। चोरी के बाद पुजारी ने खाना-पानी छोड़ दिया था, लेकिन अब मूर्तियों की वापसी से मंदिर परिसर में खुशी का माहौल है।
मामला प्रयागराज के रामजानकी मंदिर का है। 22 सितंबर की रात श्रृंग्वेरपुर धाम के गऊघाट से यह मूर्तियां चोरी हुई थीं। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए दो संदिग्धों को हिरासत में लिया, लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिला। इस बीच, पुजारी श्री श्री 1008 श्री जयरामदास उर्फ फलाहारी बाबा ने फल और जल का त्याग कर दिया था, लेकिन अधिकारियों के समझाने पर चार दिन बाद उन्होंने जल ग्रहण किया।
मंगलवार को, जब नेशनल हाईवे की सर्विस रोड पर दो बाइक सवारों के बीच झगड़ा हो रहा था, तब लोगों की नजर एक बोरी पर पड़ी। बोरी खोलने पर उसमें दोनों मूर्तियां मिलीं, साथ ही एक खत भी था। खत में चोर ने लिखा था कि उसने मूर्तियों को बेचने की कोशिश की, लेकिन उसके बेटे की तबीयत खराब हो गई। इसके बाद उसे चोरी के लिए पछतावा हुआ और उसने मूर्तियां लौटाने का निर्णय लिया।
पुलिस ने पुष्टि की कि दोनों मूर्तियां हाईवे की सर्विस रोड से बरामद हुई हैं और चोर का खत भी पाया गया है, जिसमें उसने महाराज से माफी मांगी है। मूर्तियों को पुनः मंदिर में विधि-विधान से स्थापित किया गया। अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष संजय मिश्र ने बताया कि राधा और कृष्ण की मूर्तियों की वापसी से ग्रामीणों और भक्तों में अपार खुशी है।
फलाहारी महराज ने कहा कि मूर्तियों का अभिषेक गंगोत्री के जल से किया गया, और उन्हें राम जानकी मंदिर में स्थापित किया गया है। हालांकि, सोने की बांसुरी अभी तक नहीं मिली है, लेकिन सभी को उम्मीद है कि वह भी जल्द मिल जाएगी।