आपने फिल्मों में तो जिन्दा लोगों को मृत दिखाने के बारे देखा और सुना होगा, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक हैरान करने वाला वाकया हुआ। खबर है कि जिस महिला को पुलिस अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में मृत बता दिया था, वह कोर्ट में जीवित खड़ी थी। इसके बाद मामले पर सुनवाई कर रहीं जज साहिबा ने पुलिस अधिकारी को जमकर फटकार लगाई और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दे दिए। कोर्ट में सुरक्षा याचिका पर सुनवाई के दौरान यह स्थिति बनी।
LiveLaw की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस कीर्ति सिंह ने कहा, ‘इस कोर्ट की रजिस्ट्री में दाखिल झूठी रिपोर्ट को देखते हुए मेवात के नूह के पुलिस अधीक्षक को एक उचित हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए जाते हैं, जिसमें वह इस स्थिति को समझाएं और जांच करें। साथ ही इस दोषी अधिकारी के खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्रवाई करें।’
कोर्ट में जिस प्रोटेक्शन प्ली पर सुनवाई की जा रही थी, वह एक नाबालिग लड़की की तरफ से दाखिल की गई थी। खास बात है कि मामला लंबित होने के दौरान लड़की बालिग हो गई थी। कोर्ट को यह बताया गया था कि लड़की को उसके माता-पिता की तरफ से बुरी तरह पीटा जाता है और उसकी इच्छा के खिलाफ शादी के लिए मजबूर किया जा रहा है। वह अपने करीबी रिश्तेदारों की मदद से घर छोड़कर चली गई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, रिश्तेदारों के नाम अनीश और अरस्तून है। यह देखते हुए कि याचिकाकर्ता अब बालिग हो चुकी है, कोर्ट ने कहा कि वह अपनी मर्जी की जगह जाने के लिए आजाद है। खास बात है कि इस संबंध में दाखिल सर्विस रिपोर्ट में पाया गया कि अरस्तून की बच्चे को जन्म देते हुए दो साल पहले ही मौत हो चुकी ही। अब अरस्तून कोर्ट में मौजूद थी और उसने पहचान के लिए आधार कार्ड भी दिया।
राज्य के वकील ने कोर्ट को बताया कि सर्विस रिपोर्ट तत्कालीन ASI की तरफ से दाखिल की गई थी। कोर्ट ने अधिकारी के खिलाफ एक्शन की मांग की। साथ ही राज्य के वकील को एसपी का हलफनामा 4 सप्ताह के भीतर जमा करने के निर्देश दिए हैं।