उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय खेलों के दौरान काठगोदाम क्षेत्र से हटाए गए लोगों के पुनर्वास से जुड़ी याचिका की सुनवाई करते हुए एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) को इस मामले में पक्षकार बनाए जाने की मांग स्वीकार कर ली है। यह सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में हुई।
काठगोदाम निवासी आफताब आलम की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया कि राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों के दौरान प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना या नोटिस के कई परिवारों को वहां से हटा दिया।
सरकार की ओर से बताया गया कि यह क्षेत्र लोक निर्माण विभाग के अधीन नहीं, बल्कि एनएचएआई के अधिकार क्षेत्र में आता है। इस पर याचिकाकर्ता ने एनएचएआई को पक्षकार बनाने की मांग की, जिसे अदालत ने मंजूरी दे दी। याचिकाकर्ता ने विस्थापितों के पुनर्वास की मांग की है।


