हमेशा किसी न किसी बात को लेकर चर्चाओं में रहने वाली पुलिस के दरोगा का हैरान कर देने वाला कारनामा सामने आया है। यूपी के बुलंदशहर के कोतवाली देहात क्षेत्र स्थित गांव धमरावली में 20 फरवरी को हुए बवाल के पीछे चौकी प्रभारी की लापरवाही सामने आई है।
घटना से पहले ही पीड़ित पक्ष ने पुलिस को एक प्रार्थना पत्र देकर 20 फरवरी को बारात निकालने से पहले मारपीट की आशंका जताई थी, लेकिन चौकी प्रभारी राजेश यादव ने न तो मौके पर जांच की और न ही उच्चाधिकारियों को सूचित किया। इस लापरवाही के कारण बारात पर हमला हुआ, जिसमें तीन महिलाओं समेत छह से सात लोग घायल हो गए।
पीड़ित पक्ष ने घटना के बाद कोतवाली देहात में तहरीर दी, जिसमें 29 नामजद और 10 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इसमें यह भी बताया गया कि 16 फरवरी को भी एक युवक की बारात निकालने पर दूसरे पक्ष ने हंगामा किया और धमकी दी थी। बावजूद इसके चौकी प्रभारी ने सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए और न ही उच्चाधिकारियों को इस बारे में सूचित किया।
एसएसपी श्लोक कुमार ने घटना की प्रारंभिक जांच के बाद चौकी प्रभारी राजेश यादव को निलंबित कर दिया और विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि चौकी प्रभारी ने न केवल गांव धमरावली में जाकर स्थिति का जायजा लिया, बल्कि प्रार्थना पत्र के बाद भी उच्चाधिकारियों को सूचित नहीं किया, जिससे यह घटना घटित हुई।