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हल्द्वानी में वेद मंत्रों की गूँज…भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने का मंत्र

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हल्द्वानी में आर्य समाज द्वारा आयोजित छह दिवसीय वेद प्रचार समारोह रविवार को वैदिक यज्ञ और भजनोपदेश के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के समापन अवसर पर राजकीय महाविद्यालय बेतालघाट के प्राचार्य प्रो. विनय विद्यालंकार ने भारत की वैदिक परंपरा, ऋषियों के आदर्श और भगवद्गीता के सार्वकालिक संदेशों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि भारत को पुनः विश्वगुरु बनना है तो गीता और वेदों की विचारधारा को विश्वभर में पहुंचाना होगा।

समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि भारत की पहचान हमेशा से ऋषियों की ज्ञान परंपरा और कृषि संस्कृति से रही है। चार वेद, उपनिषद, स्मृतियां, रामायण और श्रीकृष्ण के उपदेशों से मानवता को जो जीवनदर्शन मिला है, वही भारत को फिर से मार्गदर्शक राष्ट्र बना सकता है। उन्होंने नालंदा और तक्षशिला जैसे प्राचीन शिक्षा केंद्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां दुनिया भर के छात्र चरित्र निर्माण और दर्शन की शिक्षा लेने आते थे।

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समापन यज्ञ में शहर के दर्जनों सम्मानित दंपतियों ने यजमान के रूप में भाग लिया और वेदमंत्रों के साथ आहुतियां अर्पित कीं। इनमें डॉ. विनय खुल्लर, अविनाश सेठी, डॉ. अतुल राजपाल, अनुजकांत खंडेलवाल, एसपी अरोड़ा, रणजीत यादव, हरीशचंद्र पंत, कैप्टन प्रकाश जोशी, मुकेश खन्ना सहित कई गणमान्य नागरिक शामिल रहे।

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यज्ञ के पश्चात बिजनौर से आए आचार्य मोहित शास्त्री ने भजनोपदेश प्रस्तुत किया। उनके भजनों में श्रीकृष्ण भक्ति के साथ-साथ देश के अमर शहीदों को समर्पित गीतों ने सभी को भावविभोर कर दिया।

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अंत में आर्य समाज हल्द्वानी के प्रधान डॉ. विनय खुल्लर ने सभी अतिथियों, यजमानों, विद्वानों और मातृशक्ति का आभार जताते हुए कहा कि यह आयोजन समाज में वैदिक मूल्यों को फिर से जीवंत करने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है। उन्होंने आयोजन समिति के सदस्यों और सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया।

समारोह में माता मनजीत वालिया, संगीता चड्ढा, सरिता ग्रोवर, धर्माचार्य विनोद आर्य, कृष्णकांत, श्रीकांत खंडेलवाल, दुर्गादत्त त्रिपाठी, उमेश तिवारी सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।

 

हिल दर्पण डेस्क

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