उत्तराखंड में शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेकिन इस साल शिक्षकों के ऑनलाइन तबादले नहीं होंगे। यह हाल तब है, जबकि शिक्षकों और छात्रों से जुड़े सभी आंकड़े ऑनलाइन करने के लिए निदेशालय में पांच करोड़ की लागत से विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना की गई है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि हरियाणा की तर्ज पर नई तबादला नीति बनने में हो रही देरी से इस साल ऑफलाइन तबादले होंगे। गुजरात और गोवा के बाद उत्तराखंड देश का तीसरा ऐसा राज्य है, जिसने विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना की है। जिसके माध्यम से शिक्षा विभाग का पूरा डाटा ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाना था। विद्यालय, शिक्षकों और छात्रों का पूरा विवरण एवं प्रदेश के विद्यालयों में उपलब्ध संसाधनों का डाटा इसमें शामिल होना था। हर दिन शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति इसके माध्यम से दर्ज होनी थी।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि तबादला एक्ट की जगह सरकार हरियाणा की तर्ज पर नई तबादला नीति बनाने जा रही है।जिसे मंजूरी के लिए कार्मिक विभाग को भेजा गया है। विभाग की ओर से इस नई तबादला नीति का इंतजार किया जा रहा था। यही वजह रही कि पूरे साल शिक्षकों के ऑनलाइन तबादलों पर काम नहीं हुआ।