उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे में वनाग्नि की 22 घटनाएं दर्ज की गईं। इस कारण 30.34 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ। बता दें कि पिछले साल एक नवंबर से अभी तक उत्तराखंड में वनाग्नि से 436.42 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं।
मुख्य वन संरक्षक-वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन कार्यालय से जारी बुलेटिन के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में गढ़वाल के आरक्षित वन क्षेत्र, सिविल/वन पंचायत क्षेत्र में वनाग्नि की चार घटनाओं से 4.7 हेक्टेयर, कुमाऊं में 15 घटनाओं में 20.64 हेक्टेयर क्षेत्र, वन्यजीव आरक्षित क्षेत्र में 3 घटनाओं में पांच हेक्टेयर वनक्षेत्र प्रभावित हुआ है।
तापमान बढ़ने के साथ वनाग्नि की घटनाओं में भी तेजी आ गई है। आए दिन जिले के विभिन्न हिस्सों से वनाग्नि की सूचना आ रही है। अब अल्मोड़ा के कसारदेवी और फलसीमा के जंगलों को आगे ने घेर लिया। हालांकि दोनों जगह आग पर काबू पा लिया गया। इसके बाद भी काफी वन संपदा को नुकसान पहुंचा है।
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार देर शाम करीब 7.15 बजे कसारदेवी से सटे जंगल में आग धधक गई। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप ले लिया और आग की लपटें तेजी से फैलने लगी। आग रिहायशी इलाके की ओर बढ़ने लगी थी। आग की लपटे देख स्थानीय लोगों ने वन विभाग को सूचना दी।
मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। वन विभाग ने टहनियों के सहारे फायर लाइन को पीटकर आग पर काबू पाया। तब जाकर वन विभाग कर्मियों और स्थानीय लोगों ने राहत की सांसद ली। इधर, वन क्षेत्राधिकारी मोहन राम ने बताया कि वन विभाग की टीम ने आग पर पूरी तरह काबू पा लिया।