उत्तराखण्ड कुमाऊं गढ़वाल देहरादून राजनीति

हार से कांग्रेस को सबक…..अस्तित्व बचाने के लिए करने होंगे ये काम

खबर शेयर करें -

उत्तराखंड में कांग्रेस को अपनी राजनीतिक अस्तित्व को मजबूत करने के लिए अब नई रणनीति अपनाने की आवश्यकता है, और इसके लिए जमीनी स्तर पर सक्रियता बढ़ानी होगी। केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने मोर्चा संभाला था, लेकिन चुनावी मैदान में पार्टी का संगठन और कार्यकर्ता पूरी तरह से सक्रिय नहीं हो सके। इस चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस को 2027 के विधानसभा चुनाव और निकाय चुनाव के लिए गंभीर सबक दिए हैं।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी में अतिक्रमण पर बवाल!... जेसीबी पर पथराव, माहौल गर्म

बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ सियासी वार किए थे, खासकर सनातन और केदारनाथ धाम की प्रतिष्ठा को लेकर। चुनाव से पहले कांग्रेस ने केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा निकालकर माहौल बनाने का प्रयास किया था, लेकिन पार्टी बूथ स्तर पर संगठन को मजबूती देने में विफल रही।

यह भी पढ़ें 👉  अब खुशबू से कमाई करेगा उत्तराखंड...सीएम धामी का किसानों के नाम बड़ा तोहफा

कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने चुनावी रण में मोर्चा तो संभाला, लेकिन पार्टी की रणनीति ब्लाक और बूथ स्तर पर प्रभावी नहीं हो पाई। भाजपा ने चुनाव से पहले ही मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपकर हर बूथ पर रणनीति बनाकर काम किया, जबकि कांग्रेस इस स्तर पर सक्रिय नहीं हो पाई। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि कांग्रेस ने पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ा और आगामी चुनावों के लिए पार्टी हर बूथ को मजबूत करने पर काम करेगी।

हिल दर्पण डेस्क

हिल दर्पण डेस्क

About Author

"हिल दर्पण" उत्तराखण्ड तथा देश-विदेश की ताज़ा ख़बरों व समाचारों का एक डिजिटल माध्यम है। अपने विचार अथवा अपने क्षेत्र की ख़बरों को हम तक पहुंचानें हेतु संपर्क करें। धन्यवाद! Email: [email protected]

You may also like

उत्तराखण्ड धर्म/संस्कृति बागेश्वर

उत्तराखंड को माना जाता है शिवजी का ससुराल, यह है मान्यता      

खबर शेयर करें -उत्तराखंड में कई प्राचीन शिव मंदिर हैं जिनके बारे में मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी
उत्तराखण्ड देहरादून मौसम

*मौसम विभाग की चेतावनी- पहाड़ों में होगी बारिश और बर्फबारी, कोहरे की आगोश में रहेंगे यह जिले*

खबर शेयर करें -देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम बदलने को तैयार है। इस बीच उच्च हिमालयी क्षेत्रों में