उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों—वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता—को हत्या के मामले में दोषी करार दिया है। तीनों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना) और 354 (महिला की मर्यादा का हनन) के तहत दोष सिद्ध हुआ है। मामले में अंतिम सजा कुछ देर में सुनाई जाएगी।
फैसले को लेकर पूरे उत्तराखंड समेत देशभर की निगाहें कोटद्वार कोर्ट पर टिकी थीं। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। गढ़वाल मंडल के विभिन्न जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल को कोटद्वार बुलाया गया था। अदालत परिसर के बाहर बैरिकेडिंग कर सख्त निगरानी रखी गई।
यह मामला 30 जनवरी 2023 को कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में सुनवाई के लिए पेश हुआ था। इसके बाद करीब दो साल आठ महीने तक चली अदालती प्रक्रिया में अभियोजन पक्ष ने 47 गवाहों को अदालत में परीक्षित कराया। विशेष जांच टीम (SIT) ने कुल 97 गवाह बनाए थे, लेकिन इनमें से प्रमुख 47 गवाहों को ही कोर्ट में पेश किया गया।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने मुकदमे की पैरवी की। अंतिम बहस 19 मई 2025 को संपन्न हुई, जिसके बाद कोर्ट ने 30 मई को फैसला सुनाने की तिथि तय की थी। एसआईटी की जांच के बाद अभियोजन पक्ष ने अदालत में 500 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया था।
क्या है मामला?
सितंबर 2022 में अंकिता भंडारी की संदिग्ध हालात में मौत ने पूरे उत्तराखंड को झकझोर दिया था। वह वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर कार्यरत थी। आरोप है कि पुलकित आर्य और उसके साथियों ने अंकिता पर रिसॉर्ट के वीआईपी मेहमानों को “स्पेशल सर्विस” देने का दबाव बनाया, जिसका विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी गई।
अगला चरण: सजा का ऐलान
कोर्ट द्वारा दोष सिद्ध किए जाने के बाद अब सजा का ऐलान होना बाकी है। उम्मीद है कि कुछ ही देर में न्यायालय तीनों दोषियों को सजा सुनाएगा।