नैनीताल। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल रवि प्रकाश की अदालत ने मल्लीताल पन्त पार्क में अतिक्रमण व अवैध फड़ हटाने गई नगरपालिका की टीम के साथ अभद्रता,गाली गलौज व हाथापाई करने के आरोपी पांच फड़ कारोबारियों को अधिकांश मामलों में दोषमुक्त किया है। जबकि दो मामलों में दोषी माना है, जिसमें कोर्ट ने उनकी भर्त्सना करते हुए छोड़ दिया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 22 फरवरी 2018 को हाईकोर्ट के निर्देश पर पन्त पार्क से अतिक्रमण हटाने गए नगर पालिका के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी रोहिताश शर्मा व उनकी टीम के साथ फड़ कारोबारियों ने गाली गलौज,हाथापाई कर सरकारी काम में बाधा डालने की कोशिश की थी। तब संयुक्त मजिस्ट्रेट, नैनीताल एवं तहसीलदार, नैनीताल के निर्देशन में पुलिस बल की सहायता ली गयी।
फड़ व्यवसायियों में कुछ महिलाएं भी सम्मिलित थी, जिनके द्वारा दबाव डालने के लिए स्वयं के ऊपर कैरोसीन डालकर आत्मदाह करने का भी प्रयास किया गया व धमकी दी गयी कि वह फर्जी मुकदमे लगवा देंगी। इनके साथ इनके अध्यक्ष जमीर अहमद, दिनेश कुमार, रीना कश्यप, मीना कश्यप, सायरा खानम, रूपवती देवी आदि मौके पर मौजूद थे। उक्त फड़ व्यवसायियों द्वारा लगातार सरकारी कार्य में बाधा डालकर पालिका कर्मचारियों से अभद्रता की गयी।
जिनके खिलाफ थाना मल्लीताल में प्रथम सूचना रिपोर्ट अन्तर्गत धारा 147, 186, 309, 323, 332, 353, 504 भा०दं०सं० दर्ज कर मामले में अन्वेषण प्रारम्भ किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल की अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान आरोपियों ने स्वयं को बेगुनाह बताया।
पुलिस की चार्जशीट,गवाहों के बयान व दोनों पक्षों के तर्कों के आधार पर कोर्ट ने इन आरोपियों को आई पी सी की धारा 147 व 353 (सरकारी काम में बाधा डालने) में दोषी माना और उन्हें अपराधी परिवीक्षा अधिनियम 1958 के प्रावधानों के अनुरूप सम्यक भर्त्सना पर छोड़ा गया । जबकि अन्य आरोपों से उन्हें दोषमुक्त कर दिया है । आरोपियों की ओर से अधिवक्ता सुधीर सिंह कनवाल, पंकज कुमार,प्रमोद कुमार आदि ने पैरवी की ।