उत्तरप्रदेश के बांदा जिले के बबेरू में सीजेएम न्यायालय के आदेश पर चार साल बाद डकैती के खुलासे के लिए हिरासत में लिए गए युवक की मारपीट के दौरान जीभ कटने के मामले में मरका थाने में तीन तत्कालीन इंस्पेक्टर, एक दरोगा व दो सिपाहियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
मरका थाना क्षेत्र के मऊ गांव के मजरा कुसुमहिन पुरवा निवासी संतोष गौतम के घर में 23 फरवरी 2021 को बदमाशों ने डकैती की घटना को अंजाम दिया था। घटना के खुलासे के लिए तत्कालीन एसओजी प्रभारी आलोक सिंह, आनंद सिंह, बबेरू कोतवाल रामआसरे, मरका थाना एसआई और दो पुलिसकर्मियों ने गांव के अशोक उर्फ बड़कवा उर्फ कोदउवा, रज्जन, दीपक, रजवा और सुनील को पकड़ा था।
मरका थाना ले जाकर आरोप है कि तीन दिन तक उनके साथ मारपीट की गई थी। साक्ष्य न मिलने पर उन्हें छोड़ दिया गया था। दो दिन बाद मरका पुलिस ने अशोक उर्फ बड़कवा को बुलाया। थाने में लाकअप में बंद कर पट्टा से बेरहमी से उससे मारपीट की गई। मारपीट के दौरान उसकी जीभ कटकर गिर गई।
इससे अशोक बेहोश हो गया था। मरका थाना प्रभारी ने नौ अप्रैल 2021 को अशोक को जिला अस्पताल पहुंचाया था। वहां से उसे डॉक्टरों ने कानपुर के लिए रेफर कर दिया था। अशोक को कानपुर से 10 अप्रैल को लाकर पुन: जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। 16 अप्रैल को जिला अस्पताल से छुट्टी कराकर मरका पुलिस ने उसे घर छोड़ा था।
अशोक ने खुद को बेगुनाह बताते हुए मरका थाने में तहरीर दी थी। एसपी, आईजी जोन प्रयागराज, डीजीपी, मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली को मामले की रजिस्ट्री की थी। कहीं से भी न्याय न मिलने पर उसने अंत में सीजेएम न्यायालय में शरण ली। न्यायालय के आदेश पर सभी पुलिस कर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। थानाध्यक्ष मरका नरेश प्रजापति ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। विवेचना वह खुद कर रहे हैं।