उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कार्यकाल खत्म होने के बावजूद नगर पालिका, नगर निगम व अन्य निकायों के चुनाव नहीं कराए जाने के मामले में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार को अनुपालन रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका में सचिव आरके सुधांशु व नितिन भदौरिया को पक्षकार बनाया है। वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
नैनीताल निवासी राजीव लोचन साह ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है। पूर्व में राज्य सरकार ने दो बार कोर्ट में अपना बयान देकर कहा था कि वह 2 जून 2024 तक निकायों का चुनाव करा लेगी परंतु अभी तक राज्य सरकार ने न तो चुनाव कराए और ना ही कोर्ट के आदेश का पालन किया। यह एक सांविधानिक संकट है। देश का संविधान इसकी अनुमति नहीं देता है।
अगर किसी वजह से राज्य सरकार तय समय के भीतर चुनाव नहीं करा पाती है तो उस स्थिति में केवल छह माह के लिए प्रशासकों को नियुक्त करके प्रशासनिक कार्य करा सकती है, लेकिन राज्य सरकार ने चुनाव कराने के बजाय प्रशासकों का कार्यकाल और बढ़ा दिया जो उच्च न्यायालय के आदेश, देश के संविधान व राज्य सरकार के कोर्ट में दिए गए बयान के विरुद्ध है। याचिका में कहा गया कि निकायों का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त हो गया है। फिर भी सरकार ने चुनाव कराने का कार्यक्रम घोषित नहीं किया उल्टा निकायों में अपने प्रशासक नियुक्त कर दिए।