मणिपुर में पिछले साल हुई जातीय हिंसा का काला सामने आ गया है। जिन जो कूकी समुदाय की महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर परेड कराई गई, उन्हें पुलिसवालों ने ही भीड़ के हवाले किया था। सीबीआई की चार्जशीट में इस बात का खुलासा हुआ है कि जब हैवानों से बचकर महिलाएं पुलिस के पास मदद को पहुंची तो रक्षकों ने ही महिलाओं को हैवानों के हवाले कर दिया। आरोपपत्र में दावा किया गया है कि पुलिस महिलाओं को अपने वाहन में बैठाकर 100 मैतेई दंगाइयों की भीड़ के पास ले गई थी।
मणिपुर में पिछले साल हुई जातीय हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए थे। इसमें एक वो घटना सामने भी आई थी, जिसने देशवासियों को झकझोर कर दिया था। कुकी समुदाय की दो महिलाओं को मैतेई समुदाय से जुड़े दंगाइयों ने सड़क पर निर्वस्त्र घुमाया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
वीडियो घटना के काफी बाद सामने आया, जिससे पता लगा कि मणिपुर जातीय हिंसा में किस कदर जल रहा है। इस पूरे घटनाक्रम पर सीबीआई ने अपनी चार्जशीट को लेकर बड़े खुलासे किए हैं। सीबीआई ने आरोपपत्र में कहा है कि दोनों महिलाओं से सामूहिक दुष्कर्म करने से पहले उन्हें निर्वस्त्र कर घुमाया गया। यह घटना राज्य में जातीय हिंसा के दौरान की है।
तीन महिलाएं बनने वाली थी भीड़ का शिकार, एक कैसे बची
आरोपपत्र में कहा गया है कि भीड़ ने उसी परिवार की तीसरी महिला पर भी हमला किया था और उसे निर्वस्त्र करने की कोशिश की थी, लेकिन असफल रहे क्योंकि वह अपनी पोती को कसकर पकड़े हुए थी। तीसरी महिला तब भागने में सफल हो गई जब उस पर हमला करने वाला समूह उन दो महिलओं की ओर बढ़ने लगा जिनसे धान के खेत में दरिंदगी की जा रही थी।
पीड़ितों में एक कारगिल युद्ध में शहीद की पत्नी
आरोपपत्र में कहा गया कि तीनों पीड़ितों ने मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों से मदद मांगी थी, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली। आरोपपत्र का विस्तृत ब्योरा देते हुए अधिकारियों ने कहा कि पीड़ित महिलाओं में से एक करगिल युद्ध में शामिल सैनिक की पत्नी थी। अधिकारियों ने बताया कि महिलाओं ने पुलिसकर्मियों से उन्हें वाहन से सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए कहा था, लेकिन पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर उनसे कहा कि उनके पास वाहन की चाबी नहीं है और कोई मदद नहीं की।
गौरतलब है कि मणिपुर में पिछले साल चार मई की घटना के लगभग दो महीने बाद जुलाई में यह दिल दहला देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ था जिसमें देखा गया कि दो महिलाएं पुरुषों की भीड़ से घिरी हैं और उन्हें निर्वस्त्र घुमाया जा रहा है। सीबीआई ने पिछले साल 16 अक्टूबर को गुवाहाटी में विशेष न्यायाधीश, सीबीआई अदालत के समक्ष छह आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया।