देहरादून शहर के अंतर्गत स्थित 129 मलिन बस्तियों में 11 मार्च 2016 के बाद अवैध रूप से बने मकानों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश पर नगर आयुक्त ने सरकारी जमीन और नदी-नालों के किनारे अतिक्रमण चिन्हित करने के लिए टास्क फोर्स गठित की है।
जो एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, उसके आधार पर आगे कार्रवाई होगी। देहरादून नगर निगम के विभिन्न वार्डों में करीब 129 मलिन बस्तियां हैं। नगर निगम के कर और भूमि अनुभाग के मुताबिक इन बस्तियों में मार्च 2016 तक चालीस हजार के आसपास मकान बने थे।
लेकिन हाल ही नगर निगम ने जो निजी कंपनी के माध्यम से समस्त वार्डों में समस्त भवनों और संपत्तियों की जीआईएस मैपिंग करवाई तो मौजूदा समय में हजारों की संख्या में नए निर्माण होने की बात सामने आई है। जो सरकारी जमीन, नदी-नालों के किनारे स्थित भूमि पर कब्जा कर बनाए गए हैं।
इधर, नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि बुधवार को अतिक्रमण चिन्हित करने के लिए कमेटी गठित कर दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 13 मई को होनी है।
मलिन बस्तियों में मार्च 2016 के बाद अवैध रूप से बने मकानों को बिजली-पानी के नए कनेक्शन देने पर रोक है।