उत्तराखण्ड गढ़वाल जजमेंट देहरादून

शासन का बड़ा निर्णय…‌त्रिस्तरीय पंचायतों को लेकर आई ये बड़ी अपडेट

खबर शेयर करें -

उत्तराखंड शासन से एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। राज्य के पंचायती राज विभाग ने राज्य के सभी जनपदों (हरिद्वार को छोड़कर) में त्रिस्तरीय पंचायत के अवसान के बाद प्रशासक की नियुक्ति को लेकर निर्णय लिया है।

यह कदम प्रमुख, क्षेत्र पंचायत संघ, उत्तराखंड के ज्ञापन (03.12.2024) और प्रदेश प्रधान संगठन, उत्तराखंड के ज्ञापन (04.12.2024) के आधार पर, मुख्यमंत्री और उच्च अधिकारियों के निर्देशों के पालन में उठाया गया है। इस निर्णय के तहत, उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम 2016 के प्रावधानों के तहत क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायतों में प्रशासक की तैनाती के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है।

यह भी पढ़ें 👉  दरोगा ने की गंदी बात... युवती से अश्लील हरकत, वी‌डियो पर हुआ बड़ा एक्शन

समिति में निम्नलिखित सदस्य शामिल हैं:

युगल किशोर पंत, अपर सचिव, पंचायतीराज विभाग, उत्तराखण्ड शासन (अध्यक्ष)

निधि यादव, निदेशक, पंचायतीराज निदेशालय, उत्तराखण्ड (सदस्य)

हिमानी जोशी पेटवाल, संयुक्त सचिव, पंचायतीराज निदेशालय, उत्तराखण्ड (सदस्य)

यह भी पढ़ें 👉  नशे पर बड़ा प्रहार....पहाड़ से खरीद मैदान ला रहा था चरस की खेप, दबोचा

यह समिति उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम-2016 के प्रावधानों के तहत संबंधित मामले का परीक्षण करेगी और 9 दिसंबर 2024 तक अपनी रिपोर्ट (साक्ष्य सहित) संबंधित अधिकारी को प्रस्तुत करेगी, ताकि आगे की आवश्यक कार्रवाई की जा सके।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड...टेंशन दे रहा मौसम, विभाग जता रहा ये आशंका
हिल दर्पण डेस्क

हिल दर्पण डेस्क

About Author

"हिल दर्पण" उत्तराखण्ड तथा देश-विदेश की ताज़ा ख़बरों व समाचारों का एक डिजिटल माध्यम है। अपने विचार अथवा अपने क्षेत्र की ख़बरों को हम तक पहुंचानें हेतु संपर्क करें। धन्यवाद! Email: [email protected]

You may also like

उत्तराखण्ड धर्म/संस्कृति बागेश्वर

उत्तराखंड को माना जाता है शिवजी का ससुराल, यह है मान्यता      

खबर शेयर करें -उत्तराखंड में कई प्राचीन शिव मंदिर हैं जिनके बारे में मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी
उत्तराखण्ड देहरादून मौसम

*मौसम विभाग की चेतावनी- पहाड़ों में होगी बारिश और बर्फबारी, कोहरे की आगोश में रहेंगे यह जिले*

खबर शेयर करें -देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम बदलने को तैयार है। इस बीच उच्च हिमालयी क्षेत्रों में