उत्तराखंड में लापरवाही का बड़ा मामला प्रकाश में आया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ जिले के जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने राजस्व उप निरीक्षक प्रेमा विष्ट को गंभीर अनुशासनात्मक मामलों के चलते निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई तब की गई जब प्रेमा विष्ट ने बिना किसी सूचना के, अपने निर्धारित कार्यों से अनुपस्थित रहने की सूचना दी।
उप जिलाधिकारी डीडीहाट द्वारा जारी पत्र के अनुसार, प्रेमा विष्ट को 17 अप्रैल 2024 से 20 अप्रैल 2024 तक लोक सभा सामान्य निर्वाचन 2024 के दौरान एल.एस.एम. राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पिथौरागढ़ में पोलिंग पार्टियों को सामग्री वितरण एवं प्राप्ति के लिए तैनात किया गया था। इसके बावजूद, वह निर्दिष्ट तिथियों पर बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहीं।
प्रेमा विष्ट को दूरभाष पर निर्वाचन कार्य में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन उन्होंने उन निर्देशों का पालन नहीं किया। इसके अलावा, वह क्षेत्र बुंगाछीना के ग्राम पथरौली में गेहूँ के क्राप कटिंग के लिए भी निर्धारित कार्यों को समय पर संपन्न नहीं कर पाईं, जिससे फसल कट जाने पर अन्य ग्रामों में स्थानांतरित कर क्रॉप कटिंग कार्य कराया गया।
तहसीलदार देवलथल ने प्रेमा विष्ट को अनुपस्थिति के कारण स्पष्ट करने के लिए निर्देशित किया, लेकिन वह संतोषजनक स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं कर सकीं। लगातार निर्देशों के बावजूद, वह 17 अप्रैल 2024 से बिना सक्षम अनुमति के अपने कार्यक्षेत्र से अनुपस्थित रहीं।
इस गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए, जिलाधिकारी ने उत्तराखंड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 2003 की नियम-4 के तहत उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में प्रेमा विष्ट को तहसील कार्यालय डीडीहाट में सम्बद्ध किया गया है और उन्हें बिना पूर्व अनुमति के मुख्यालय से अनुपस्थित न रहने के निर्देश दिए गए हैं।
इस प्रकरण की विभागीय कार्रवाई के लिए उप जिलाधिकारी गंगोलीहाट को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्हें निर्धारित आरोपों के संबंध में एक माह के अंदर जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।