पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ बयानबाजी करने पर हरियाणा कांग्रेस ने बालमुकुंद शर्मा को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने टीवी डिबेट्स में खुद को पार्टी प्रवक्ता बताकर पार्टी के भीतर उथल-पुथल मचाई। कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि वह पार्टी के प्रवक्ता नहीं थे और मीडिया में पार्टी के आंतरिक मुद्दों पर बयान दे रहे थे।
यह कदम तब उठाया गया जब शर्मा ने निजी समाचार चैनलों पर दावा किया कि कांग्रेस विधायक दल के नेता के रूप में चंद्रमोहन या अशोक अरोड़ा का नाम सामने आ सकता है, जबकि पार्टी की प्रदेश इकाई पहले ही भूपिंदर सिंह हुड्डा को अपना नेता मान चुकी है।
विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद कांग्रेस के भीतर नेतृत्व को लेकर भारी असमंजस है। भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ एक खेमा सक्रिय है, जबकि अधिकांश विधायक उनके पक्ष में खड़े हैं।
हालांकि, पार्टी आलाकमान को लेकर नाराजगी साफ नजर आ रही है, क्योंकि यदि हुड्डा को फिर से नेता प्रतिपक्ष चुना जाता है, तो दलित नेताओं की उपेक्षा का आरोप फिर से उठ सकता है, जैसा कि चुनावों के दौरान भाजपा ने उठाया था। इस मामले में हाईकमान के निर्णय का असर कांग्रेस के भविष्य पर पड़ सकता है।