भारतीय सैन्य सेवाओं में भर्ती की नई व्यवस्था अग्निपथ योजना में बदलाव हो सकते हैं। हालांकि, इसे लेकर सरकार या सेना की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। खबरें हैं कि सेना एक आंतरिक सर्वे करा रही है, जिसमें अग्निवीरों से जुड़े सवाल पूछे जा रहे हैं। इसका मकसद भर्ती प्रक्रिया पर योजना के असर को जानना है। संभावनाएं हैं कि सर्वे इस महीने के अंत तक खत्म हो सकता है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सेना एक आंतरिक सर्वे करा रही है, जिससे मिलने वाली जानकारी के आधार पर आने वाली सरकार के सामने योजना में कुछ बदलाव की सिफारिशें की जा सकती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों का कहना है कि सेना के सर्वे में अग्निवीरों, भर्ती और ट्रेनिंग स्टाफ समेत सभी हितधारकों से कुछ जानकारियां मांगी गई हैं।
अखबार से बातचीत में अधिकारियों ने कहा कि हर समूह के जवाबों को इस महीने के अंत तक जुटाया जाएगा। इसके बाद आंकलन के लिए अगली प्रक्रिया शुरू होगी। अधिकारियों का कहना है कि करीब 10 सवाल तैयार किए गए हैं, जो सर्वे में शामिल लोगों से पूछे जाने हैं।
क्या पूछा जाएगा
रिपोर्ट के अनुसार, भर्ती करने की प्रक्रिया में शामिल लोगों को यह बताना होगा कि अग्निवीर सेना में क्यों शामिल होंगे। साथ ही यह जानकारी भी देनी होगी कि वह सेना का हिस्सा बनने के लिए कितने उत्साहित हैं। इसके अलावा उन्हें आवेदक कैसे हैं, शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के आवेदक ऑनलाइन एंट्रेस एग्जाम को लेकर किस तरह की प्रक्रियाएं दे रहे हैं, जैसी जानकारियां भी देनी होंगी।
खास बात है कि रिक्रूटमेंट में शामिल लोगों को यह भी बताना होगा कि योजना के लागू होने के बाद सेना में भर्ती पर कुल क्या असर पड़ा है। इससे जुड़े कुछ सवाल पूछे जाएंगे।
अग्निवीरों और पुराने सैनिक
रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिट और सब यूनिट कमांडरों को अग्निवीरों और इस योजना से पहले आए सैनिकों के प्रदर्शन पर भी फीडबैक देना होगा। साथ ही यह भी बताना होगा कि उन्होंने अग्निवीरों में कौन सी सकारात्मक या नकारात्मक बातों को देखा है। खबर है कि इन जानकारियों के आधार पर सेना योजना में कुछ बदलावों की सिफारिश कर सकती है।
अग्निपथ योजना
जून 2022 में सरकार ने अग्निवीरों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत सैन्य सेवाओं में चार साल के लिए भर्ती की जाएगी। 4 सालों का कार्यकाल पूरा होने के बाद 25 फीसदी अग्निवीर अपनी इच्छासे सेवाओं में शामिल होने के लिए आवेदन दे सकते हैं। खास बात है कि योजना लागू होने के बाद से ही इसपर सियासी चर्चाएं भी जारी हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में भी यह मुद्दा बना है।