उत्तराखंड के नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के बाद मचे सियासी घमासान पर हाईकोर्ट आज अहम फैसला सुना सकता है। चुनाव के दौरान कथित अपहरण और हिंसा की घटनाओं पर अदालत ने सख्त रुख अपनाया है और नैनीताल के एसएसपी को भी कड़ी फटकार लगाई जा चुकी है।
सोमवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट में जिला पंचायत सदस्यों से जुड़े वायरल वीडियो और सीसीटीवी फुटेज चलाए गए, जिनमें कुछ अज्ञात लोग सदस्यों को जबरन घसीटते हुए ले जाते दिखे। एक अन्य वायरल वीडियो में कुछ युवक पार्टी करते हुए “आज नैनीताल को हिला दिया” कहते सुने गए। अदालत ने इन घटनाओं को कानून व्यवस्था के लिए खतरा बताया।
कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा नेगी की ओर से अध्यक्ष पद के लिए पुनर्मतदान (री-पोलिंग) की मांग की गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता देवी दत्त कामथ ने कोर्ट में तर्क दिया कि 27 में से 5 सदस्यों का मतदान नहीं हो पाया क्योंकि उन्हें कथित रूप से अगवा कर लिया गया था। ऐसे में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव वैध नहीं माना जा सकता।
हालांकि जिन सदस्यों को अगवा किया गया था, उन्होंने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दिया कि वे लापता नहीं थे, जिससे वीडियो और बयानों में विरोधाभास सामने आया। हाईकोर्ट ने इन बयानों को मानने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने मतदान केंद्र के आसपास हथियारबंद गिरोह की मौजूदगी पर गहरी चिंता जताई और एसएसपी से विस्तृत शपथपत्र मांगा। एसएसपी ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है।
मुख्य न्यायाधीश ने राज्य सरकार को जिम्मेदार अधिकारियों के तत्काल तबादले के निर्देश दिए और टिप्पणी की कि “समाज में शांति चाहिए या यह संस्कृति बढ़े?”
मामले की सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी और संभावना है कि हाईकोर्ट आज इस पर कोई ठोस फैसला सुना सकता है।