एसएसपी दफ्तर में आत्मदाह की कोशिश की घटना में एक और बड़ा एक्शन हुआ है। यूपी के बदायूं में हुई इस घटना के मामले में एसएसपी डॉ. बृजेश सिंह ने अब सदर कोतवाल को भी निलंबित कर दिया है। उन पर आरोप है कि ई-रिक्शा चालक के साथ पूर्व में हुईं घटनाओं को कोतवाल ने हल्के में लिया। उसकी सुनवाई नहीं की गई। इसी कारण यह नौबत आई कि उसने खुद को आग लगा ली। इससे पहले एसएसपी ने पुलिसलाइन के गणना कार्यालय के मेजर को हटाने के साथ ही तीन सिपाहियों सोनू कुमार, अर्जुन सिंह व दक्ष चौधरी को निलंबित कर दिया था।
एसएसपी ने बताया कि शहर के नई सराय मोहल्ले में रहने वाले गुलफाम ने बुधवार दोपहर ऑफिस परिसर में केरोसिन डालकर खुद को आग लगा ली थी। इस मामले की जांच कराई तो सामने आया कि 25 दिसंबर को भी गुलफाम का उसके ससुरालियों से विवाद हुआ था। उसने आरोप लगाया था कि ससुरालियों ने उसे चाकू मारा है। मामले की शिकायत सदर कोतवाली में की थी लेकिन कोतवाल ने मामले को हल्के में लिया। इसके बाद 30 दिसंबर को पुन उसे बंधक बनाने की घटना हुई थी। ससुराल पक्ष का कहना था कि वो जबरन घर में घुस आया। उस वक्त भी कोतवाल ने गुलफाम की सलहज की ओर से एफआईआर लिख ली लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।
बता दें कि बुधवार को शहर कोतवाली के नई सराय के रहने वाले ई-रिक्शा चालक गुलफाम ने पुलिस ऑफिस पहुंचकर आत्मदाह करने का प्रयास किया था। गुलफाम ने जैसे ही आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास किया था। आग की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलस गया था। उसे पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां हालत गंभीर होने पर बरेली के श्री राम मूर्ति मेडिकल कॉलेज बरेली में भर्ती कराया गया है।
गुलफाम के मामले में एसपी सिटी से जांच कराई व इसके बाद उनकी रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। इसकी जांच एसपी सिटी के स्तर से हो रही है। कोतवाल की लापरवाही किस स्तर पर और रही, यह जांच एसपी देहात केके सरोज को सौंपी गई है। इधर, गुलफाम की हालत अभी भी गंभीर है। कहने को डॉक्टर उसके 50 प्रतिशत झुलसने की बात कह रहे हैं लेकिन बरेली में उसकी स्थिति गंभीर है।