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सोशल मीडिया की लत…….. मोबाइल की बढ़ती व्यस्तता, बिगाड़ रहे पति-पत्नी के संबंध

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आजकल बड़ी संख्या में दंपतियों का दांपत्य जीवन सोशल मीडिया और मोबाइल फोन की लत में उलझकर रह गया है। यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर बेधड़क पोस्ट और फॉलोअर्स की दौड़ में न केवल दंपतियों के बीच रिश्तों में खटास आ रही है, बल्कि तलाक के मामलों में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। पिछले तीन वर्षों में सोशल मीडिया और मोबाइल की लत के कारण पारिवारिक न्यायालय में तलाक के 50 से अधिक मामले पहुंच चुके हैं।

पारिवारिक न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अनुराग अरोड़ा ने बताया कि इन मामलों में सबसे बड़ी समस्या मोबाइल फोन की लत, सोशल मीडिया पर व्यस्तता, और रील्स बनाने के लिए वीडियो बनाने की आदत है। इसके अलावा, प्रेम विवाह और संयुक्त परिवार से अलग रहने के कारण भी दंपतियों में तनाव और दरारें आ रही हैं। अरोड़ा के अनुसार, आजकल पति-पत्नी के बीच भावनात्मक रूप से जुड़ाव की कमी हो गई है, जिससे छोटी-छोटी बातें भी रिश्ते के अंत का कारण बन रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सहनशक्ति की कमी के कारण दंपति एक दूसरे से बोर होने लगे हैं, जिससे तलाक के मामलों में वृद्धि हो रही है।

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 पत्नी का यू-ट्यूब चैनल, परिवार को नजरअंदाज किया

पारिवारिक न्यायालय में एक युवक ने अपनी पत्नी से तलाक के लिए अर्जी दी, क्योंकि उसकी पत्नी का यू-ट्यूब पर एक चैनल था, जिसमें वह लगातार वीडियो बनाती रहती थी। युवक ने बताया कि पत्नी पूरी तरह से इस काम में व्यस्त रहती थी और परिवार को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया था। कई बार समझाने के बावजूद पत्नी ने अपनी आदत नहीं छोड़ी, जिसके बाद पति ने कोर्ट में तलाक की याचिका दायर की।

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 पत्नी की चैटिंग की आदत, रिश्ते में दरार

अधिवक्ता अनुराग अरोड़ा ने एक अन्य केस का उल्लेख करते हुए कहा कि एक युवक की पत्नी दो से अधिक युवकों के साथ चैटिंग में व्यस्त रहती थी। जब पति को इस बात का पता चला, तो दोनों के बीच तकरार और झगड़े शुरू हो गए। अंततः पति ने अदालत का रुख किया और फैमिली कोर्ट ने इस मामले में तलाक मंजूर कर लिया।

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अरोड़ा के अनुसार, सोशल मीडिया और मोबाइल की लत ने दंपतियों के रिश्तों को प्रभावित किया है। यह केवल एक व्यक्तिगत आदत नहीं, बल्कि यह परिवारों की नींव को भी हिलाने वाला कारक बन चुका है। तलाक की इन बढ़ती घटनाओं से यह साफ हो गया है कि डिजिटल दुनिया में अत्यधिक समय बिताना और रिश्तों में संवाद की कमी दांपत्य जीवन को संकट में डाल सकती है।

हिल दर्पण डेस्क

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