उत्तराखंड में स्मार्ट मीटरों को लेकर राजनीति और तेज हो गई है। बीते दिनों किच्छा से कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ ने स्मार्ट मीटर तोड़कर विरोध जताया, और अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है। माहरा ने स्मार्ट मीटर को गरीबों का उत्पीड़न करने वाला कदम करार दिया है और प्रदेश की जनता के लिए खतरा बताया।
करन माहरा का आरोप है कि प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने का काम एक विशेष औद्योगिक घराने की कंपनी को सौंपा गया है, जिससे उस कंपनी को फायदा पहुंचाने की नीयत से यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगाए गए थे, जिन्हें अब हटाकर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं।
माहरा ने उदाहरण देते हुए कहा कि, “स्मार्ट मीटर की स्थिति कुछ वैसी ही होगी जैसे मोबाइल फोन का प्रीपेड रिचार्ज खत्म होने पर बातचीत रुक जाती है।” उन्होंने कहा कि खासकर किसानों के लिए यह समस्या बढ़ाएगी। किसानों को अक्सर फसल के लिए बीज, खाद और मजदूरी के लिए पैसों की कमी होती है, और वे समय पर बिजली का बिल नहीं चुका पाते। स्मार्ट मीटर के आने से अब यह और भी मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि किसान को अपनी बिजली का बिल पहले ही जमा करना होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत के गरीब और मिडिल क्लास परिवारों के लिए स्मार्ट मीटर बहुत बड़ी समस्या बन सकती है। उनका कहना था कि ऐसे कदमों से गरीबों की कमर टूट जाएगी और यह समाज के कमजोर वर्ग पर अत्याचार साबित होगा।