2024 की कृष्ण जन्माष्टमी सोमवार को विशेष संयोग में मनाई जाएगी। इस दिन रोहिणी नक्षत्र, सूर्य का सिंह राशि में होना, चंद्रमा का वृषभ राशि में होना, और जयंती योग का बनना एक दुर्लभ और शुभ संयोग दर्शाता है। यह स्थिति द्वापर युग की स्थिति से मेल खाती है जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।
कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत और पूजा विधि:
1. **स्नान और व्रत संकल्प**: प्रातः काल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।
2. **पूजन**: भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। देवकी, वासुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा, और लक्ष्मी जी का पूजन करें।
3. **अभिषेक**: भगवान श्रीकृष्ण का गंगाजल और कच्चे दूध से अभिषेक करें।
4. **सजावट**: उन्हें साफ कपड़े पहनाएं, कंगन, कुंडल, मुकुट और फूलों की माला पहनाएं।
5. **झूला झूलाना**: कृष्ण भगवान को पालने में झूला झुलाएं।
6. **आरती और भोग**: घी के दीपक से आरती करें और माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
**शुभ पूजा मुहूर्त:**
1. **सुबह का मुहूर्त**: 5:55 AM से 7:36 AM (अमृत चौघड़िया)
2. **दोपहर का मुहूर्त**: 3:35 PM से 7:00 PM
3. **रात का मुहूर्त**: 12:00 AM से 12:45 AM
4. **अभिजीत मुहूर्त**: 11:56 AM से 12:48 PM
इस विशेष संयोग और शुभ मुहूर्त में पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।