हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित दस दिवसीय सरस आजीविका मेले के पांचवे दिन, बुधवार को कृषि विभाग ने एक अत्यंत प्रभावशाली कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य किसानों को जैविक खेती और प्राकृतिक खेती के महत्व से परिचित कराना था, ताकि वे अपनी खेती को न केवल अधिक उत्पादक बना सकें, बल्कि पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभा सकें।
कार्यशाला में कृषि विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने किसानों को जैविक खेती के अनेक लाभों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि जैविक खेती न केवल भूमि की गुणवत्ता को बढ़ाती है, बल्कि इससे कृषि उत्पादकता भी लंबे समय तक बनी रहती है। इससे भूमि की उर्वरकता में सुधार होता है और उत्पादन की स्थिरता बढ़ती है। इसके अतिरिक्त, जैविक खेती से मिट्टी में कार्बन अवशेषों का स्तर बढ़ता है, जो पर्यावरण के लिए बेहद फायदेमंद है।
मुख्य कृषि अधिकारी ऋतु कुकरेती ने विभागीय योजनाओं की जानकारी देते हुए किसानों को केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही ‘किसान सम्मान निधि’ के बारे में बताया। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे हर साल अपना KYC (Know Your Customer) अपडेट कराएं ताकि वे सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें। उन्होंने विशेष रूप से किसानों को इस बात के लिए जागरूक किया कि आधार कार्ड को बैंक खाते से लिंक करना अनिवार्य है, ताकि पीएम सम्मान निधि का लाभ सही तरीके से प्राप्त किया जा सके।
कार्यशाला में आंचल कला समिति द्वारा गीतों के माध्यम से जैविक खेती के लाभों के बारे में किसानों को जागरूक किया गया। इस महत्वपूर्ण आयोजन में जिला विकास अधिकारी गोपाल गिरी गोस्वामी, भेषज के हरीश जोशी, प्रगतिशील किसान माया नेगी, संजय जोशी सहित कई अन्य प्रतिष्ठित लोग भी उपस्थित थे।