भाजपा सांसद कंगना रनौत के निर्वाचन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। शिमला की मंडी लोकसभा सीट की सांसद पद को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश संदीप शर्मा की एकल पीठ ने की। कंगना रनौत के वकील ने याचिका में जवाब दायर किया, जिसके बाद याचिकाकर्ता लायक राम नेगी के वकील ने जवाब का रिप्लाई फाइल करने के लिए चार हफ्ते का समय मांगा, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई चार हफ्तों बाद होगी।
इससे पहले, हाईकोर्ट ने किन्नौर निवासी लायक राम नेगी द्वारा दायर चुनाव याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद कंगना रनौत को नोटिस जारी कर उन्हें याचिका का जवाब देने का आदेश दिया था। लायक राम नेगी ने मंडी लोकसभा चुनाव को रद्द करने की मांग की है, जिसमें उनका आरोप है कि उनका नामांकन पत्र अनुचित तरीके से अस्वीकृत किया गया था।
लायक राम नेगी, जो वन विभाग के पूर्व कर्मचारी हैं, का कहना है कि वह मंडी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उनका नामांकन पत्र मंडी के चुनाव अधिकारी ने गलत तरीके से रद्द कर दिया। उनका आरोप है कि चुनाव अधिकारी ने उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों को स्वीकार नहीं किया।
राम नेगी के अनुसार, 14 मई 2024 को उन्होंने मंडी लोकसभा सीट के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था और उस दौरान उन्होंने वन विभाग से समय से पहले रिटायरमेंट के बाद जारी किए गए नो ड्यू सर्टिफिकेट सहित सभी जरूरी दस्तावेज निर्वाचन अधिकारी को सौंपे थे।
हालांकि, उन्हें बताया गया कि सरकारी आवास से संबंधित बिजली, पानी और टेलीफोन के नो ड्यू सर्टिफिकेट भी जरूरी हैं, जिन्हें प्रस्तुत करने के लिए अगले दिन तक का समय दिया गया। 15 मई को नामांकन पत्रों की जांच के दौरान राम नेगी ने इन सभी प्रमाणपत्रों को रिटर्निंग ऑफिसर को सौंपा, लेकिन अधिकारी ने इन दस्तावेजों को स्वीकार करने से इंकार कर दिया और उन्हें यह बताया गया कि नो ड्यू सर्टिफिकेट न होने के कारण उनका नामांकन अस्वीकृत किया गया।
राम नेगी का कहना है कि यह कोई बड़ी गलती नहीं थी और यदि उन्हें चुनाव लड़ने का अवसर मिलता तो संभवतः वह चुनाव जीत सकते थे। उन्होंने अब मंडी लोकसभा चुनाव को रद्द करने की मांग की है ताकि सीट के लिए फिर से चुनाव कराया जा सके।
गौरतलब है कि इस साल हुए लोकसभा चुनाव में कंगना रनौत ने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह को 74,755 मतों से हराया था।