उत्तराखंड में भारी बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे कुमाऊं मंडल में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। लगातार मूसलधार बारिश और भूस्खलन के कारण क्षेत्र की 61 सड़कों पर यातायात ठप हो गया है। नदी-नाले उफान पर हैं और कई गांवों का संपर्क कट चुका है, जिससे लोग फंस गए हैं और सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं।
चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट-धारचूला मार्ग भूस्खलन के कारण बंद हो गया है। इस मार्ग पर तवाघाट के पास हुए भू-धंसाव ने यात्रा को असंभव बना दिया है। इसी तरह, टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग भी संतोला के पास मलबा गिरने से अवरुद्ध है, जिससे मार्ग खोलने में कठिनाई आ रही है।
पिथौरागढ़ जिले में तेज बारिश के चलते 18 सड़कों पर यातायात ठप है, जिनमें एक बॉर्डर मार्ग और 16 ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। चंपावत जिले में भी भूस्खलन ने 14 सड़कों को प्रभावित किया है, जबकि नैनीताल जिले में 21 सड़कों पर भूस्खलन और मलबा गिरने से बाधा उत्पन्न हो रही है।
बागेश्वर और अल्मोड़ा जिलों में स्थिति कुछ बेहतर है, लेकिन वहां भी सड़कें प्रभावित हुई हैं। बागेश्वर में जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने हाई अलर्ट जारी किया है और राहत कार्यों को तेज किया गया है। प्रशासन ने जेसीबी और अन्य मशीनरी की मदद से सड़कों को खोलने का प्रयास किया है और प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने के लिए तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं।
नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करें। उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में हालात बेहद गंभीर हैं, और प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है।