आपने दहेज के कई तरह के मामले देखे और सुने होंगे। दहेज के चलते कइयों की शादियां होने से पहले टूटी तो किसी ने बाइक न देने को लेकर शादी तोड़ दी तो किसी लने कार और जेवर न मिलने के कारण बहू को घर से निकाल दिया।
उत्तरप्रदेश के बाराबंकी से दहेज लोभी का जो मामला सामने आया है उसने सभी को हैरान कर दिया। यहां दुल्हन की जिंदगी में सास ने भूचाल ला दिया। अपनी मां के आगे दूल्हा भी कुछ नहीं कर सका। दरअसल शादी के बाद बहू अपनी ससुराल पहुंची थी। लड़की हैसियत के हिसाब से ससुराल में दान-दहेज लाई थी, लेकिन वह रजाई नहीं ला पाई। इसको लेकर सास झल्ला उठी। सास ने अपने बेटे और बहू की सुहागरात तक नहीं होने दी। दुल्हन ने इस मामले की शिकायत परिवार परामर्श केंद्र पर की।
मामला मसौली थाना क्षेत्र का है। जानकारी के अनुसार यहां की रहने वाली एक युवती की शादी लखनऊ में एक सरकारी अस्पताल में संविदा पर काम करने वाले युवक के साथ इसी साल 25 फरवरी को हुई थी। युवती ने बताया कि उसके पिता का निधन हो गया है। जैसे-तैसे मां और भाइयों ने उसकी शादी की। हैसियत के हिसाब से उसे दान-दहेज दिया। युवती का कहना है कि जब वह शादी के बाद ससुराल पहुंची तो सास का उसके प्रति व्यवहार ठीक नहीं था। शादी के पहले दिन ही सास ने असली रंग दिखाना शुरू कर दिया। सर्दी के मौसम में उसे सोने के लिए छत पर जाना पड़ा। उसी दिन उसकी सुहागरात थी। छत पर सोता हुआ जब सास ने देखा तो उसने मायके से लाई रजाई के बारे में पूछा।
सास को जब पता चला कि वह मायके से रजाई नहीं लाई है तो वह आग बबूला हो गई और कहने लगी कि तुम्हारी मां और भाइयों ने रजाई दहेज में नहीं दी है, इसलिए बिना रजाई के ही सो जाओ। कुछ देर बाद उसका पति रजाई लेकर उसके पास पहुंचा। सास को जब इसकी जानकारी हुई तो वह भी दोनों के बीच में पहुंच गई और सुहागरात तक नहीं होने दी। अगले दिन से उसका पति भी उससे दूर-दूर रहने लगा। इसको लेकर जब सास से शिकायत की तो सास ने कहा, जो मैं कहूंगी मेरा बेटा वही करेगा। करीब 15 दिन बाद वह भाई के साथ मायके आ गई।