हल्द्वानी नगर निगम चुनाव परिणाम को चुनौती देने वाली पूर्व मेयर प्रत्याशी ललित जोशी की याचिका को जिला न्यायालय ने खारिज कर दिया है। न्यायालय ने याचिका को तय समयसीमा से बाहर दाखिल मानते हुए यह निर्णय सुनाया।
याचिका पर गुरुवार को जिला न्यायाधीश सुबीर कुमार की अदालत में सुनवाई हुई। ललित जोशी की ओर से अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने तर्क दिया कि याचिका दाखिल करने में हुई देरी का कारण सभी प्रत्याशियों को पक्षकार बनाना था, जिनकी जानकारी समय पर उपलब्ध नहीं हो सकी।
वहीं, सरकारी पक्ष की ओर से डीजीसी पंकज सिंह बिष्ट, एडीजीसी भरत भट्ट तथा वर्तमान मेयर गजराज बिष्ट की ओर से अधिवक्ता योगेश पांडे और प्रदीप परगाई न्यायालय में उपस्थित रहे। सरकारी अधिवक्ताओं ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि देरी के कारण को वैधानिक रूप से मान्य नहीं ठहराया जा सकता।
जोशी पक्ष द्वारा कुछ अन्य न्यायालयों की नजीरें भी प्रस्तुत की गईं, परंतु सरकारी पक्ष ने इनका विरोध करते हुए बताया कि ये नजीरें उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में लागू नहीं होतीं। कोर्ट में पूर्व निर्णयों का हवाला देते हुए याचिका को खारिज करने का अनुरोध भी किया गया।
न्यायालय ने माना कि हल्द्वानी नगर निगम चुनाव परिणाम 25 जनवरी को घोषित हुए थे, जबकि याचिका 6 फरवरी को दाखिल की गई, जो सात दिन की निर्धारित सीमा से बाहर है। अदालत ने स्पष्ट किया कि याचिका में देरी को क्षमा करने का कोई वैधानिक आधार नहीं है, इसलिए इसे अस्वीकार किया जाता है।
इस निर्णय के साथ ही मेयर चुनाव को लेकर न्यायालय में चल रही यह चुनौती समाप्त हो गई है।