उत्तराखंड में निकाय चुनाव के दौरान भाजपा में उभरी बगावत को लेकर पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को एक और अवसर दिया है। पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ मैदान में उतरे कार्यकर्ताओं को 3 दिन की मोहलत दी गई है, ताकि वे अपने नाम वापस लें और पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में समर्थन दें।
प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने इस बारे में मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि पार्टी ने यह समय 8 जनवरी तक के लिए निर्धारित किया है। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी, पूर्व मुख्यमंत्री, सांसद, विधायकों और सरकार में दायित्वधारियों को जिम्मेदारी दी गई है, जो बगावत करने वालों को समझाने और फिर से पार्टी के साथ लाने की कोशिश करेंगे।
कोठारी ने कहा कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं का सम्मान करती है और कई दशकों से पार्टी के साथ जुड़े हुए कार्यकर्ताओं को एक और अवसर देना चाहती है। अगर वे फिर से पार्टी के फैसले को स्वीकार करते हैं, तो उनका सम्मान किया जाएगा।
हालांकि, जो कार्यकर्ता इस मौके का लाभ नहीं उठाते और अपनी बगावत पर कायम रहते हैं, उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाएगी। भाजपा नेतृत्व का यह मानना है कि अनुशासनहीनता अंतिम उपाय होना चाहिए, और कार्यकर्ताओं को समझाने के प्रयास प्राथमिकता पर हैं।
इस निर्णय के जरिए भाजपा अपने कार्यकर्ताओं के बीच सहानुभूति और समर्पण की भावना बढ़ाने की कोशिश कर रही है, ताकि चुनाव में पार्टी के उम्मीदवारों को मजबूती मिल सके और चुनावी सफलता सुनिश्चित की जा सके।