उत्तराखंड रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) द्वारा देहरादून के सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी ऑडिटोरियम में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े हितधारकों की समस्याओं का समाधान करना और उन्हें अधिक पारदर्शिता एवं सुविधा उपलब्ध कराना रहा। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बिल्डर्स, बायर्स, एजेंट्स, अधिवक्ता, आर्किटेक्ट्स, सीए और विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हुए।
कार्यशाला का शुभारंभ उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने किया। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि यह कार्यशाला रेरा से संबंधित सभी पक्षों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि रेरा एक्ट के प्रावधानों की जानकारी और उनके लाभ को जन-जन तक पहुंचाना आवश्यक है।
उत्तराखंड रेरा के चेयरमैन एवं पूर्व आईएएस अधिकारी रबीन्द्र पंवार ने रियल एस्टेट सेक्टर की मौजूदा चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक मजबूत और पारदर्शी रियल एस्टेट इकोसिस्टम तैयार करने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कार्यशाला में आए सुझावों का विश्लेषण कर उन्हें शासन तक पहुंचाया जाएगा।
चार सत्रों में विभाजित कार्यशाला में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई:
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नॉलेज सत्र: रेरा सदस्य नरेश मठपाल ने रेरा की गतिविधियों, नियमों और कानूनी प्रावधानों पर विस्तार से जानकारी दी।
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पैनल डिस्कशन: इसमें बिल्डर्स, बायर्स, आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया। प्रमुख वक्ताओं में मनोज जोशी (शिखर ग्रुप), डॉ. अमन राब (अधिवक्ता), एस. के. जैन, कर्नल (से.नि.) रोहित मिश्रा, तथा रेरा सदस्य अमिताभा मैत्रा शामिल रहे। सत्र का संचालन अनूप नौटियाल (एसडीसी फाउंडेशन) ने किया।
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ओपन हाउस सेशन: इसमें प्रतिभागियों ने खुलकर अपनी समस्याएं और सुझाव रखे। रेरा चेयरमैन रबीन्द्र पंवार और सदस्य अमिताभा मैत्रा ने सभी सवालों का जवाब दिया।
कार्यशाला को सफल बताते हुए रेरा चेयरमैन रबीन्द्र पंवार ने कहा कि आए हुए सुझावों का विश्लेषण कर उन्हें नीति निर्माण में शामिल किया जाएगा। इससे न केवल रियल एस्टेट सेक्टर को नई गति मिलेगी बल्कि विवादों और शिकायतों का समाधान भी त्वरित गति से संभव हो सकेगा।
कार्यशाला में शासन, प्रशासन, शहरी विकास, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, विकास प्राधिकरण, बैंकिंग सेक्टर, इंजीनियरिंग, चार्टर्ड अकाउंटेंसी, आर्किटेक्चर, कानून और रियल एस्टेट से जुड़े कई विशेषज्ञों और अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन श्री काव्य द्वारा किया गया।