उत्तराखंड की तीर्थनगरी ऋषिकेश में मंगलवार शाम एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब रामलीला के कलाकार मंच छोड़कर सीधे थाने पहुंच गए। चौंकाने वाली बात ये रही कि ये सभी कलाकार अपने-अपने पात्रों की वेशभूषा में थे। राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, सीता, हनुमान और रावण जैसे पात्रों को थाने में प्रदर्शन करते देख हर कोई हैरान रह गया।
यह विरोध सुभाष बनखंडी श्री रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित रामलीला के आयोजन को लेकर हो रहे विवादों और मुकदमों के खिलाफ था। कलाकारों और कमेटी पदाधिकारियों का आरोप है कि राजनीतिक दबाव और व्यक्तिगत हितों के चलते उन्हें रामलीला मंचन की अनुमति नहीं दी जा रही है और झूठे मुकदमे दर्ज कर उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने राम बारात निकालने और दशहरे के दिन रावण दहन की अनुमति न मिलने पर नाराजगी जताई और कहा कि वे अब इतने तंग आ चुके हैं कि स्वेच्छा से गिरफ्तारी देने थाने आए हैं।
कमेटी सदस्य जितेंद्र पाल पाठी ने बताया कि कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा रामलीला कमेटी की संपत्ति पर कब्जा करने और आयोजन को रोकने के लिए सरकार को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है, जिससे रामलीला जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक लग रही है।
कलाकारों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि एक रामभक्त सरकार के होते हुए धार्मिक आयोजनों को इस तरह रोका जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही मांग की गई है कि रामलीला से जुड़े सभी कलाकारों व पदाधिकारियों पर लगे फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएं और आयोजन को निर्बाध रूप से पूरा करने की अनुमति दी जाए।